केंद्र प्रभारियों की मनमानी से नाराज किसानों ने किया हंगामा

सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए समर्थन मूल्य में वृद्धि कर रही है। लेकिन जिम्मेदार सरकार की मंशा पर पानी फेरने का काम कर रहे। मुख्यालय स्थित नवीन कृषि मंडी स्थित क्रय केंद्रों पर दु‌र्व्यवस्थाओं का बोलबाला है। किसानों का धान कई दिन पहले मंगाया गया लेकिन आज तक खरीद नहीं की गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Dec 2019 08:53 PM (IST) Updated:Tue, 17 Dec 2019 06:04 AM (IST)
केंद्र प्रभारियों की मनमानी से नाराज किसानों ने किया हंगामा
केंद्र प्रभारियों की मनमानी से नाराज किसानों ने किया हंगामा

जागरण संवाददाता, चंदौली : सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए समर्थन मूल्य में वृद्धि कर रही है। लेकिन जिम्मेदार सरकार की मंशा पर पानी फेरने का काम कर रहे। मुख्यालय स्थित नवीन कृषि मंडी स्थित क्रय केंद्रों पर दु‌र्व्यवस्थाओं का बोलबाला है। किसानों का धान कई दिन पहले मंगाया गया, लेकिन आज तक खरीद नहीं की गई। बारिश में अनाज भीग गया तो केंद्र प्रभारियों ने नमी अधिक होने की बात कहकर किसानों को टरकाना शुरू कर दिया। नाराज किसानों ने सोमवार को हंगामा किया। सूचना के बाद भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से बात कर धान की खरीद शुरू कराई।

क्षेत्र के फुटियां, बिसौरी, जसूरी समेत अन्य गांवों के किसानों का धान विक्रय के लिए नवीन कृषि मंडी स्थित धान क्रय केंद्रों पर रखा गया है। किसानों का कहना रहा कि पांच दिन पहले ही क्रय केंद्र प्रभारियों से टोकन लेकर अनाज क्रय केंद्र पर पहुंचाया दिया गया। लेकिन केंद्र प्रभारी खरीद में टालमटोल करते रहे। कभी संसाधनों की कमी तो कभी कोई अन्य बहाना बताकर अनाज की खरीद नहीं की। बारिश के दौरान धान भीग गया। सोमवार को मौसम साफ होने के बाद क्रय केंद्र पहुंचे तो यूपी एग्रो और कर्मचारी कल्याण निगम के क्रय केंद्र प्रभारी सुबह के वक्त गायब मिले। किसानों का धान खरीदने वाला कोई जिम्मेदार अफसर अथवा कर्मी मौजूद नहीं था। दोपहर करीब 12:15 बजे यूपी एग्रो के केंद्र प्रभारी पहुंचे। करीब एक बजे कर्मचारी कल्याण निगम क्रय केंद्र प्रभारी आए। कई दिनों से मंडी में धान रखकर खरीदे जाने का इंतजार कर रहे किसानों का धैर्य जवाब दे गया। किसान बोले, जिस वक्त धान ले आए थे, मात्र 15 प्रतिशत नमी थी। क्रय केंद्र प्रभारी चाहते तो धान की उसी दिन तौल कराकर बोरा में भरवा देते। इससे अनाज नहीं भीगता और क्षति नहीं उठानी पड़ती। केंद्र प्रभारियों की कार्यप्रणाली से किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष भी नाराज दिखे। उन्होंने कहा सरकार ने रोजाना 300 क्विटल खरीद का निर्देश दिया है। लेकिन क्रय केंद्र प्रभारी मनमानी कर रहे हैं। किसानों की फसल बर्बादी के लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार है। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही को किसानों की समस्या से अवगत कराया जाएगा।

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