धरहरा में अनहोनी की आशंका से दहशत का माहौल

धरहरा गांव में बुधवार को हुई मारपीट के बाद जबरदस्त तनाव का माहौल है। जातीय गुटबाजी चरम पर है और कभी भी किसी अनहोनी से इनकार नही किया जा सकता। ग्रामीणों का आरोप है कि एक माह पूर्व हुई घटना में पुलिस ने गंभीरता दिखाई होती तो अब तक माहौल शांत हो गया होता। अंदर ही अंदर हो

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 07:25 PM (IST) Updated:Fri, 17 Jul 2020 06:04 AM (IST)
धरहरा में अनहोनी की आशंका से दहशत का माहौल
धरहरा में अनहोनी की आशंका से दहशत का माहौल

जागरण संवाददाता, सकलडीहा (चंदौली) : धरहरा गांव में बुधवार को हुई मारपीट के बाद तनाव का माहौल है। जातीय गुटबाजी चरम पर है और कभी भी किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों का आरोप है कि एक माह पूर्व हुई घटना में पुलिस ने गंभीरता दिखाई होती तो अब तक माहौल शांत हो गया होता। अंदर ही अंदर हो रही सुगबुगाहट को देख अब ग्रामीण किसी अनहोनी को लेकर परेशान हैं। उनकी मानें तो अब भी पुलिस ने सूझबूझ से काम नहीं लिया तो गांव का माहौल और बिगड़ सकता है।

धरहरा गांव में ग्रामीणों के दो खेमे हैं। जिनमें अक्सर किसी न किसी बात को लेकर कहासुनी होती रहती है। इन झगड़ों के मूल में प्रधानी, अवैध कब्जा व कोटे की दुकान के आवंटन जैसे मामले हैं। कभी-कभी वर्चस्व की लड़ाई इन झगड़ों में घी का काम करती है। कुछ दिनों पूर्व घूर की भूमि के एक टुकड़े के लिए कुछ लोगों ने एक व्यक्ति को घर में घुस कर मारपीट दिया। मामला पुलिस तक पहुंचा। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने मामले को हल्के में लिया और कार्रवाई की आवश्यकता नहीं समझी। परिणाम एक पक्ष में अंदर ही अंदर चिगारी सुलगती रही। जिसका दुष्परिणाम बुधवार की घटना के रूप में देखने को मिला। पिता व पुत्र पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। इस बार भी मामला पुलिस तक पहुंचा और दोनों तरफ से मुकदमा पंजीकृत किया गया है। अब गांव में तनाव से दोनों खेमे में बेचैनी है। जबकि गांव वाले किसी अनहोनी की आशंका से सहमे हुए हैं। ग्रामीणों की माने तो उच्चाधिकारियों ने तत्काल कोई ठोस कदम न उठाए तो इस खून-खराबे के सिलसिले को विराम नहीं लग पाएगा।

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