एजेंसी से खत्म करार, बिजली बिल पर रार

जागरण संवाददाता चंदौली उपभोक्ताओं के घर जाकर मीटर रीडिग करने वाली निजी एजेंसी से प

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 07:02 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 07:02 PM (IST)
एजेंसी से खत्म करार, बिजली बिल पर रार
एजेंसी से खत्म करार, बिजली बिल पर रार

जागरण संवाददाता, चंदौली : उपभोक्ताओं के घर जाकर मीटर रीडिग करने वाली निजी एजेंसी से पावर कारपोरेशन का करार खत्म हो गया है। इसकी वजह से बिजली बिल को लेकर विभाग व उपभोक्ताओं में रार बढ़ गई है। मीटर रीडिग सही ढंग से न कराए जाने से उपभोक्ता काफी परेशान हैं। उम्मीद से अधिक बिल आने पर लोग बिजली विभाग के दफ्तरों में पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं।

पावर कारपोरेशन ने घर-घर जाकर उपभोक्ताओं की मीटर रीडिग के लिए निजी एजेंसी से अनुबंध किया था। उक्त एजेंसी से पावर कारपोरेशन का करार खत्म हो चुका है। अभी तक किसी दूसरे को यह जिम्मेदारी सौंपी नहीं गई है। इसकी वजह से मीटर रीडिग का काम लड़खड़ा गया है। विभाग बहरहाल, उपभोक्ताओं के पुराने रिकार्ड के अनुसार ही बिलिग का कार्य कर रहा है। इसके आधार पर ही बिल लोगों को पकड़ाए जा रहे हैं। इससे कनेक्शनधारकों में असंतोष देखने को मिल रहा है। अजय कुमार ने बताया कि मीटर रीडिग करने के लिए कोई नहीं आता है। विभाग अपने हिसाब से बिल भेज रहा है। खपत से अधिक बिल भेजा जा रहा है। धर्मेंद्र कुमार कहते हैं कि स्मार्ट मीटर इतनी तेजी से भाग रहा है कि पता ही नहीं चल रहा कि कब यूनिट का आंकड़ा दहाई से सैकड़ा में पहुंच गया। बिजली पहले की तुलना में काफी महंगी हो गई है। ऐसे में बिल तैयार करते समय पूरी पारदर्शिता बरती जानी चाहिए। ट्रांसफार्मरवार तैयार कर रहे उपभोक्ताओं का आंकड़ा

बिजली विभाग ने कनेक्शनधारकों का आंकड़ा ट्रांसफार्मरवार तैयार करा रहा है। इससे बिजली चोरी पकड़ी जाएगी। उक्त ट्रांसफार्मर से जुड़े उपभोक्ताओं के मीटर की अलग-अलग रीडिग कराई जाएगी। इसके बाद ट्रांसफार्मर के पास लगे मीटर से मिलान किया जाएगा। यदि दोनों के आंकड़े में अंतर आया तो स्पष्ट हो जाएगा कि बिजली चोरी की जा रही है। इसके बाद कटियामारों व मीटर के गड़बड़ी करने वालों को पकड़ा जाएगा। ' यदि किसी कनेक्शनधारक को गलत बिजली बिल मिला है तो उपकेंद्र पर जाकर इसके बारे में जानकारी कर सकते हैं। त्रुटियों को सुधारा जाएगा। मीटर रीडिग के लिए अनुबंध की प्रक्रिया शासन स्तर से पूरी की जाएगी।

एके सिंह, एक्सईएन

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