वेतन विसंगति व मांगों को लेखपालों ने दिया धरना

वेतन व पेंशन विसंगति दूर करने समेत अन्य मांगों को लेकर लेखपालों ने मुख्यालय स्थित धरनास्थल पर धरना दिया। इस दौरान शासन-प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 07:34 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 06:08 AM (IST)
वेतन विसंगति व मांगों को लेखपालों ने दिया धरना
वेतन विसंगति व मांगों को लेखपालों ने दिया धरना

जागरण संवाददाता, चंदौली : वेतन व पेंशन विसंगति दूर करने समेत अन्य मांगों को लेकर लेखपालों ने मुख्यालय स्थित धरनास्थल पर धरना दिया। इस दौरान शासन-प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। वहीं मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।

जिलाध्यक्ष वीरेंद्र यादव ने कहा पेंशन, वेतन विसंगति, बाइक भत्ता, पदोन्नति समेत अन्य मांगें उठाई जा रही हैं। लेकिन सरकार मांगों पर विचार नहीं कर रही है। प्रदेश में लेखपालों के सात हजार से अधिक पद रिक्त हैं। सरकार खाली पदों को भरने की कोशिश नहीं कर रही। बल्कि लेखपालों को अतिरिक्त बोझ लादकर कार्य बढ़ाया जा रहा है। लेखपालों को अपने खर्च से क्षेत्रीय काम पूरे करने होते हैं। इसके बदले किसी तरह का भत्ता अथवा अनुदान नहीं मिलता है। इसके चलते कार्य पूरा करने में मुश्किलें आ रही हैं। कहा लेखपालों को सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। लेखपालों का पदनाम बदलकर राजस्व उपनिरीक्षक किया जाए। कृषि विभाग की किसान सम्मान निधि का संचालन मध्य प्रदेश की तरह करते हुए लेखपालों को 18 रुपये प्रति लाभार्थी दिया जाए। राजस्व निरीक्षकों के पदों में वृद्धि की जानी चाहिए। लेखपालों की राजस्व निरीक्षक व नायब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति की जाए। विभागीय परीक्षा के माध्यम से लेखपालों को प्रोन्नति का अवसर दिया जाए। बृजेश कुमार श्रीवास्तव, धनंजय जायसवाल, संदीप मौर्या, बेचूलाल, रामकेश यादव, दीलिप गोंड, सूर्यप्रकाश थे।

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