स्पूतनिक वैक्सीन का इंतजार कर रहे युवा

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाई जा रही कोवैक्सीन व कोविशिल्ड की दो-दो डोज लगने के बावजूद लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में अब युवाओं के मन में यह बात घर कर चुकी है कि यह दोनों ही वैक्सीन पुराने वायरस के हिसाब से बनी होगी इसलिए असरदार नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 11:08 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 11:08 PM (IST)
स्पूतनिक वैक्सीन का इंतजार कर रहे युवा
स्पूतनिक वैक्सीन का इंतजार कर रहे युवा

जेएनएन, बुलंदशहर। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाई जा रही कोवैक्सीन व कोविशिल्ड की दो-दो डोज लगने के बावजूद लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में अब युवाओं के मन में यह बात घर कर चुकी है कि यह दोनों ही वैक्सीन पुराने वायरस के हिसाब से बनी होगी, इसलिए असरदार नहीं है। ऐसे में अब रूस में तैयार हुई स्पूतनिक वैक्सीन को लेकर युवा वर्ग उत्साहित है। वैक्सीन महंगी जरूर है लेकिन 18 प्लस के लोग अब इसी के इंतजार में फिलहाल वैक्सीनेशन नहीं करवा रहे हैं।

जिले में अभी युवाओं के लिए कोविड शील्ड और 45 से अधिक उम्र के लोगों को को-वैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है। वहीं अब रूसी वैक्सीन स्पूतनिक भी कोविन पोर्टल पर अपडेट कर दी गई है। इसलिए अब ज्यादातर युवा इसी वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं। उनका मानना है कि रूसी रिपोर्ट के अनुसार स्पूतनिक टीका कोरोना पर 90 से 95 फीसदी तक असरदार है। इसी वजह से युवा अभी टीकाकरण केंद्र तक नहीं जा रहे हैं।

जिला प्रशासन का कहना है कि निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन शुरू होने के साथ ही स्पूतनिक वैक्सीन का भी विकल्प मौजूद होगा। लगातार वैक्सीनेशन की संख्या बढ़ाई जा रही है। फिलहाल एक एवरेज के अनुसार प्रतिदिन 12 से 15 हजार युवाओं को वैक्सीन लगाई जा रही है। जो लोग संक्रमण के डर से घर से नहीं निकल रहे थे। वह भी अब वैक्सीन लगवाने के लिए निकल रहे हैं। एसीएमओ डा. सुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि, जिले में अब तक सवा चार लाख अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इसमें स्वास्थ कर्मचारी, फ्रंटलाइन वर्कर, थर्ड जेंडर के अलावा 45 से अधिक उम्र के लोगों भी शामिल हैं।

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