टायलेट क्लीनर से चमकी महिलाओं की अर्थव्यवस्था

कोरोना महामारी में तमाम लोगों की रोजी छिन गई और कारोबार चौपट हो गए लेकिन विपदा में भी कुछ महिलाओं ने रोजगार ढूंढ निकाला। उन्होंने मिलकर टायलेट क्लीनर कारोबार शुरू किया। खास बात यह है कि थोड़े ही समय में महिलाओं ने स्वावलंबन की तस्वीर पेश कर दी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 11:11 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 11:11 PM (IST)
टायलेट क्लीनर से चमकी महिलाओं की अर्थव्यवस्था
टायलेट क्लीनर से चमकी महिलाओं की अर्थव्यवस्था

जेएनएन, बुलंदशहर । कोरोना महामारी में तमाम लोगों की रोजी छिन गई और कारोबार चौपट हो गए लेकिन विपदा में भी कुछ महिलाओं ने रोजगार ढूंढ निकाला। उन्होंने मिलकर टायलेट क्लीनर कारोबार शुरू किया। खास बात यह है कि थोड़े ही समय में महिलाओं ने स्वावलंबन की तस्वीर पेश कर दी।

जिले के शिकारपुर ब्लाक के गांव कैलावन निवासी मिनाक्षी शर्मा ने महिलाओं को स्वरोजगार के सहारे आत्म निर्भर बनाने को कदम आगे बढ़ा दस महिलाओं का समूह गठन किया। इसके बाद ऐसा कारोबार करने को मंथन किया। जिसकी मांग हर समय घर से हर जगह बनीं रहे। जिससे टायलेट क्लीनर कारोबार पर महिलाओं की सहमति बन गई। दो माह पहले महिलाओं ने शुरू में छोटे स्तर पर टायलेट क्लीनर का कारोबार शुरू किया। आस-पास के बाजार में इसकी बिक्री करनी शुरू कर दी। जिससे बाजार में उनका टायलेट क्लीनर हाथों- हाथ बिकना शुरू हो गया। एक दिन में रिकार्ड 27 हजार रुपये की बिक्री होने से महिलाओं का आत्मबल मजबूत हो गया। कारोबार में सफलता मिलती देखकर महिलाओं ने कारोबार का दायरा बड़ा कर दिया। अब ये महिलाओं प्रतिदिन लगभग 100 लीटर टायलेट क्लीनर तैयार करना शुरू कर दिया। एक लीटर क्लीनर की 120 रुपये के हिसाब से बिक्री हो रही है।

इन्होंने कहा..

दो माह पहले टायलेट क्लीनर तैयार करने का काम छोटे स्तर पर शुरू किया था। जिससे महिलाओं को 100 से 150 रुपये की आमदनी प्रतिदिन हो रही है। सामुदायिक शौचालयों में आपूर्ति होने से एक दिन में 27 हजार रुपये की बिक्री हुई है।

- मीनाक्षी शर्मा, अध्यक्ष स्वयं सहायता समूह

समूह टायलेट क्लीनर तैयार कर रहा है। अब इसकी आपूर्ति सामुदायिक शौचालयों में करा दी गई है। जिससे समूह की महिलाओं को अच्छा मुनाफा मिलना शुरू होगा।

- केएन पांडेय, उपायुक्त स्वत: रोजगार

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