आंगनबाड़ी केंद्रों पर सड़ रहा गेहूं, कैसे दूर होगा कुपोषण

महिला समूहों के समक्ष आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुपोषण को मिटाने वाला अभियान सुस्त पड़ा है। समय से खाद्य सामग्री की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। केंद्रों पर गेहूं है तो चावल नहीं और दाल है तो दलिया नहीं। नवंबर माह में गेहूं की आपूर्ति हुई तो चावल अभी तक नहीं आया। फरवरी के अंत में दूध पाउडर और घी की आपूर्ति हुई तो अब दलिया नहीं है। ऐसे में कागजों पर ही वितरण हो रहा है और नवजात शिशुओं गर्भवती और धात्री महिलाएं तथा किशोरी पौष्टिक आहार से वंचित हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 11:23 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 11:23 PM (IST)
आंगनबाड़ी केंद्रों पर सड़ रहा गेहूं, कैसे दूर होगा कुपोषण
आंगनबाड़ी केंद्रों पर सड़ रहा गेहूं, कैसे दूर होगा कुपोषण

बुलंदशहर, जेएनएन। महिला समूहों के समक्ष आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुपोषण को मिटाने वाला अभियान सुस्त पड़ा है। समय से खाद्य सामग्री की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। केंद्रों पर गेहूं है तो चावल नहीं और दाल है तो दलिया नहीं। नवंबर माह में गेहूं की आपूर्ति हुई तो चावल अभी तक नहीं आया। फरवरी के अंत में दूध पाउडर और घी की आपूर्ति हुई तो अब दलिया नहीं है। ऐसे में कागजों पर ही वितरण हो रहा है और नवजात शिशुओं, गर्भवती और धात्री महिलाएं तथा किशोरी पौष्टिक आहार से वंचित हैं।

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के तहत जिले में कुल तीन हजार 967 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनके माध्यम से छह माह से छह वर्ष के बच्चों, गर्भवती-धात्री महिलाओं को पुष्टाहार का वितरण किया जाता है। छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों के लिए फार्टीफाइड चावल, गेहूं, मीठा और नमकीन दलिया, देशी घी और रिफाइंड तेल का आवंटन किए जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दिसंबर 2020 में गेहूं, दाल और रिफाइंड की आपूर्ति तो हुई लेकिन फार्टीफाइड चावल की आपूर्ति तीन माह बाद भी नहीं की गई। ऐसे में अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों पर बगैर चावल के गेहूं और दाल का वितरण नहीं हो पाया। इतना ही नहीं दलिया की आपूर्ति न होने से अब गेहूं वितरण करने की योजना बनाई जा रही है। हालांकि दो माह से आंगनबाड़ी केंद्रों पर पड़े गेहूं लापरवाही के चलते बेकार हो चुका है।

दूध पाउडर और घी की आपूर्ति

दूध पाउडर 1,85,938 पैकेट 400 ग्राम

दूध पाउंडर 65,062 पैकेट 750 ग्राम

घी 1,91,073 पैकेट 450 ग्राम

घी 7,757 पैकेट 900 ग्राम

ये है पात्रों की स्थिति

1,39,581 : सात माह से तीन वर्ष तक के बच्चे।

54,343 : तीन वर्ष से छह वर्ष तक के बच्चे।

54,795 : गर्भवती और धात्री महिलाएं।

4,200 : किशोरियां।

4,485 : अति कुपोषित बच्चे।

13,020 : कुपोषित बच्चे।

यह होगी राशन की मात्रा

छह माह से तीन साल के बच्चे : एक किलो चावल, डेढ़ किलो गेहूं। साढ़े सात सौ ग्राम दाल।

तीन से छह वर्ष के बच्चे : एक किलो चावल, डेढ़ किलो गेहूं।

गर्भवती-धात्री महिला : एक किलो चावल, दो किलो गेहूं, साढ़े सात सौ ग्राम दाल।

उक्त सभी को प्रत्येक तीन माह में : देसी घी 450 ग्राम, मिल्क पाउडर 400 ग्राम।

इन्होंने कहा..

दो माह पूर्व गेहूं आया है, उसे आंगनबाड़ी केंद्रों पर सुरक्षित रखवाया गया है। यदि कहीं खराब हो रहा है तो उसका वितरण नहीं किया जाएगा। अब घी और दूध पाउडर के पैकेट का वितरण भी महिला समूहों के समक्ष आंगनबाड़ी केंद्रों पर होगा।

-हरिओम वाजपेयी, जिला कार्यक्रम अधिकारी।

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