समय से नहीं होती वाहनों की फिटनेस, सड़क पर दौड़ रहे खटारा वाहन

परिवहन विभाग के वाहनों की समय से फिटनेस करने में लापरवाही बरतने से खटारा वाहन सड़क पर दौड़ रहे हैं। शहरी से लेकर देहात क्षेत्रों में जुगाड़ गाड़ियों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। बेरोकटोक संचालित इन वाहनों के कारण भी दुर्घटनाएं होती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 09:38 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 09:38 AM (IST)
समय से नहीं होती वाहनों की फिटनेस, सड़क पर दौड़ रहे खटारा वाहन
समय से नहीं होती वाहनों की फिटनेस, सड़क पर दौड़ रहे खटारा वाहन

जेएनएन, बुलंदशहर। परिवहन विभाग के वाहनों की समय से फिटनेस करने में लापरवाही बरतने से खटारा वाहन सड़क पर दौड़ रहे हैं। शहरी से लेकर देहात क्षेत्रों में जुगाड़ गाड़ियों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। बेरोकटोक संचालित इन वाहनों के कारण भी दुर्घटनाएं होती हैं।

परिवहन विभाग की मानें तो फिटनेस के मानक पर खरा उतरने में विफल वाहनों का परिचालन रोक देने का प्रावधान है। लेकिन जिला परिवहन कार्यालय में ऐसा कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि जिले में एक भी व्यावसायिक वाहन को फिटनेस के नाम पर रोका गया हो। काउंटर पर आवेदन देने के साथ लागू किए गए कागजातों को देने मात्र से आसानी से फिटनेस प्रमाण पत्र मिल जाता है। जिससे वाहन मालिक वाहनों की फिटनेस कराए बिना फिटनेस प्रमाण पत्र हासिल कर लेते हैं। खटारा वाहनों के सड़क पर दौड़ने से दुघर्टना घटित होती हैं। क्या है फिटनेस का नियम

नए वाहनों की दो साल बाद फिटनेस की जांच होती है। पुराने वाहनों की हर साल फिटनेस करानी होती है। गाड़ियों को प्रमाण पत्र देने के पूर्व चलाया जाना अनिवार्य, ब्रेक व इंजन की होती है जांच, इंडिकेटर, लाइट, बैक लाइट, इंश्योरेंस और प्रदूषण की जांच की जाती है। फिटनेस के मानक

वाहन के इंजन व एक्सीलेटर की जांच स्टेयरिग लॉक की जांच इंडीकेटर, वाइपर, रिफ्लेक्टर, ब्रेक और टायर की जांच ड्राइवर केबिन, हेड लाइट आदि की जांच वाहन के अनुरूप निजी वाहनों को 15 साल में फिटनेस जांच करानी होती है व्यावसायिक वाहनों को हर साल जांच की जाती है। कामर्शियल ट्रैक्टर ट्राली के लिए नियम

ट्राली की लंबाई 2.5 मीटर से 4.5 मीटर के बीच, चौड़ाई 1.5 से 2.25 मीटर के बीच और ऊंचाई व गहराई 01 मीटर होनी चाहिए। ट्राली मेकिग की वर्कशॉप का प्रमाण पत्र व बिल, ट्राली के पीछे बैकलाइट व रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य है। इन्होंने कहा..

बिना फिटनेस के सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों के खिलाफ जुर्माना लगाया जाता है। सरकार ने कोरोना संक्रमण को लेकर वाहनों की फिटनेस को 31 दिसंबर तक वैद्य कर दिया है। जिससे वाहनों की फिटनेस नहीं हो पा रही है।

- राजीव बंसल, एआरटीओ प्रवर्तन

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