हाईवे पर दो बाइक की भिड़ंत में दो युवक की मौत
मेरठ-बदायूं स्टेट हाईवे पर मंगलवार देर शाम दो बाइकों की आमने-सामने की जबरदस्त भिड़ंत हो गई। हादसे में रोडवेज चालक सहित दो की मौत हो गई। हादसे में तीन गंभीर रूप से जख्मी हो गए। मौत का पता लगते ही दोनों ही परिवार में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जेएनएन, बुलंदशहर। मेरठ-बदायूं स्टेट हाईवे पर मंगलवार देर शाम दो बाइकों की आमने-सामने की जबरदस्त भिड़ंत हो गई। हादसे में रोडवेज चालक सहित दो की मौत हो गई। हादसे में तीन गंभीर रूप से जख्मी हो गए। मौत का पता लगते ही दोनों ही परिवार में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
थाना सलेमपुर के गांव मोरोनी निवासी दिनेश कुमार (35) जो कि रोडवेज विभाग में बतौर चालक संविदा पर तैनात था। मंगलवार को वह अपने साथी सुखबीर सिंह व राजीव के साथ बाइक पर बैठक कर सलेमपुर आए थे। लौटते हुए जब वह मेरठ-बदायूं हाईवे पर गांव मुढैया के निकट पहुंचे तो सामने से आ रही एक अन्य बाइक से जबरदस्त भिडं़त हो गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि दोनों ही बाइकों के परखच्चे उड़ गए। हादसे में दिनेश व दूसरी बाइक सवार सोनू वाल्मीकि (39) पुत्र राकेश निवासी जेवर गौतमबुद्धनगर की मौत हो गई। जबकि राजीव व सुखबीर तथा सोनू की बाइक सवार सुनील गंभीर रूप से जख्मी हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को मर्चरी भिजवा दिया जबकि अन्य तीनों जख्मी हो गए। हादसे में दिनेश व सोनू की मौत का पता चला तो परिवार में कोहराम मच गया। तीनों घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती करवा दिया है।
स्वजनों के भरण-पोषण को लगाई मदद की गुहार
दिव्यांग ने स्वजनों के भरण-पोषण के लिए एसडीएम से सरकारी मदद दिलाने की गुहार लगाई है। पीड़ित का कहना है कि उसे कैंसर की बीमारी है और उसके तीनों बच्चों की आंखे ठीक नहीं हैं।
मंगलवार को क्षेत्र के गांव इस्माईलपुर बुढ़ेना निवासी राजू पुत्र रंजीत तहसील पहुंचाया। जहां उसने एसडीएम को शिकायती पत्र सौंपा और बताया कि वह एक आंख से दिव्यांग है। जिसमें चिकित्सकों द्वारा कैंसर होना बताया है। इसके अलावा उसके पुत्र नितिन, हर्ष और आंशिका भी आंखों से कमजोर हैं। जिनका उपचार कई वर्षों तक चलेगा। पीड़ित का कहना है कि वह जीवन यापन करने में असमर्थ हो रहा है। उन्हें उपचार कराने के लिए भी किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिल रही है। सरकारी मदद को लेकर वह कई बार शिकायतें भी कर चुका हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। अब पीड़ित ने फिर से अपने परिवार के भरण-पोषण और उपचार के लिए सरकारी मदद दिलाए जाने की गुहार लगाई है। मामले में पीड़ित ने एसडीएम लवी त्रिपाठी को शिकायती पत्र सौंपा है।