एक पखवाड़े में दो थैलेसीमियाग्रस्त रोगियों की मौत

जेएनएन बुलंदशहर जिले में थैलेसीमिया रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों को ब्लड चढ़ाने की व्यवस्थाओं को व्यवस्थित नहीं कर पा रहा है। जिससे गंभीर बीमारी से ग्रस्त बच्चे अब दम तोड़ रहे हैं। पिछले एक पखवाड़े में दो थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों की स्पिलिन बढ़ने से मौत हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 10:24 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 10:24 PM (IST)
एक पखवाड़े में दो थैलेसीमियाग्रस्त रोगियों की मौत
एक पखवाड़े में दो थैलेसीमियाग्रस्त रोगियों की मौत

जेएनएन, बुलंदशहर : जिले में थैलेसीमिया रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों को ब्लड चढ़ाने की व्यवस्थाओं को व्यवस्थित नहीं कर पा रहा है। जिससे गंभीर बीमारी से ग्रस्त बच्चे अब दम तोड़ रहे हैं। पिछले एक पखवाड़े में दो थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों की स्पिलिन बढ़ने से मौत हो गई है।

जनपद में थैलेसीमिया रोगियों की संख्या लगातार बढ़ने के बाद भी विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग जनपद में तेजी से बढ़ रही थैलेसीमिया रोगियों की संख्या को लेकर चितित नजर आ रहा है। थैलेसीमिया से बचाव और जागरूकता के लिए भी विभाग जरूरी कदम नहीं उठा पा रहा है। जिले में अब तक थैलेसीमिया रोगियो की संख्या बढ़कर लगभग 115 हो गई है। शुक्रवार को सिकंदराबाद निवासी आठ वर्षीय इब्राहिम की तिल्ली बढ़ने से मौत हो गई। वहीं 15 दिन पूर्व सिकंदराबाद के ही थैलेसीमिया फरहान की मौत हो गई थी। थैलेसीमिया मिशन के संयोजक मनवीर सिंह ने कहा कि जिला अस्पताल में अच्छी गुणवत्ता के फिल्टर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। जिले में थैलेसीमिया रोग तेजी से पैर पसार रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने रोगियों की संख्या बढ़ने के बाद भी शासन से पीआरवीसी मशीन की डिमांड नहीं की है। जिसके चलते थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चे हेपेटाइटिस व एचआइवी संक्रमित हो रहे हैं। विभाग थैलेसीमिया रोग से बचाव और जागरूकता भी नहीं फैला रहा है। डाक्टरों को थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों के उपचार के लिए प्रशिक्षण दिलाया जाएं।

..

इन्होंने कहा ..

जिला अस्पताल में फिल्टर के माध्यम से थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों को ब्लड चढ़ाया जाता है। थैलेसीमिया की बच्चों की जरूरत के हिसाब ब्लड बैंक में ब्लड की व्यवस्था रहती है।

- डा. राजीव प्रसाद, सीएमएस

..

यह एक गंभीर और अनुवांशिक रोग है। जिला अस्पताल में ब्लड चढ़वाने के लिए आने वाले स्वजन की काउंसलिग भी कराई जाती है। जिले में ब्लड सेपरेशन की व्यवस्था नहीं हैं।

- डा. विनय कुमार सिंह, सीएमओ

chat bot
आपका साथी