शुद्ध प्राण वायु पाने को छत पर उगा रहे पेड़-पौधे

जेएनएन बुलंदशहर कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की किल्लत को लेकर मारामारी मची रही। लोग लाखों खर्च करके भी अपने स्वजनों को नहीं बचा सके।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 08:52 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 08:52 PM (IST)
शुद्ध प्राण वायु पाने को छत पर उगा रहे पेड़-पौधे
शुद्ध प्राण वायु पाने को छत पर उगा रहे पेड़-पौधे

जेएनएन, बुलंदशहर : कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की किल्लत को लेकर मारामारी मची रही। लोग लाखों खर्च करके भी अपने स्वजनों को नहीं बचा सके। क्रूर कोरोना काल बनकर उन पर टूट पड़ा। भयंकर महामारी की वजह से उपजे हालातों को देख अब लोगों के मन में प्रकृति प्रेम हिलोरे मार रहा है। खाली वक्त में घर-आंगन और छतों पर बगिया महका रहे हैं। जिनमें सुगंधित और औषधीय पौधे लगाकर पर्यावरण के साथ सेहत संवार रहे हैं। मंडी फतेहंगज निवासी रजनी अग्रवाल ने भी अपनी छत पर ऐसी छोटी बगिया बनाई है। जिसकी नियमित देखभाल से रोपे गए पौधे आज लहला रहे हैं। एलोवीरा, तुलसी, गिलोय इम्युनिटी कर रहे मजबूत

रोजाना सुबह सवेरे उठकर बगिया में लगाए पौधों को खाद-पानी से सींचती हैं। दिन के अलावा खाली समय भी इनके बीच बिताती हैं। हालांकि इन्हें रोपने और सींचने में परिवार के अन्य सदस्यों का भी सहयोग रहता है। उनकी मेहनत की बदौलत यहां घर की छत पर लगे गमलों में लगे गुलाब, तुलसी, मोरपंखी, गुडहल, गेंदा खुशबू बिखेर रहे हैं। एलोवीरा, तुलसी, गिलोय आदि इम्युनिटी मजबूत कर रहे हैं। गमलों में टमाटर, मिर्च, नींबू आदि सब्जियां भी लहलहा रहीं हैं।

अन्य लोग भी हो रहे प्रेरित

इस छोटी सी बगिया को बंदरों के आतंक से बचाने के लिए लोहे की जालियों से कवर्ड कराया है। इसका आकर्षक ऐसा है कि आगंतुकों का इन पौधों के बीच सेल्फी खींचने का क्रेज बना रहता है। इनकों देख अन्य लोग भी प्रेरित हो रहे हैं। पेड़-पौधों से घर-आंगन को महका रहे हैं। इन्होंने कहा..

कोरोना काल में लोग पौधारोपण को अधिक महत्व दे रहे हैं। खुद के साथ औरों को शुद्ध प्राण वायु मिलती रहे इसलिए छत पर पौधे लगाए हैं। इनकी महक से वातावरण सुगंधित होता है। साथ ही सेहत भी संवरती है। लोगों को अपने घरों में इस तरह का प्रयास जरूर करना चाहिए।

रजनी अग्रवाल, ग्रहणी

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