अगौता व साबितगढ़ चीनी मिलें छोटे चौधरी की देन

पूर्व प्रधानमंत्री व किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह के अनुयायी रहे विजेंद्र सिंह तेवतिया अपने नेता के बेटे और किसान हितों के लिए जिंदगीभर संघर्ष करने वाले चौधरी अजित सिंह के आकस्मिक निधन से काफी दुखी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 11:38 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 11:38 PM (IST)
अगौता व साबितगढ़ चीनी मिलें छोटे चौधरी की देन
अगौता व साबितगढ़ चीनी मिलें छोटे चौधरी की देन

जेएनएन, बुलंदशहर। पूर्व प्रधानमंत्री व किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह के अनुयायी रहे विजेंद्र सिंह तेवतिया अपने नेता के बेटे और किसान हितों के लिए जिंदगीभर संघर्ष करने वाले चौधरी अजित सिंह के आकस्मिक निधन से काफी दुखी हैं।

उनका कहना है कि वे सन 1967 से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से जुड़े थे। वर्ष 1989 में चौधरी अजित सिंह को औद्योगिक मंत्री बनाया गया। इस दौरान वह दिल्ली की तुगलक रोड स्थित आवास पर अजित सिंह के पास पहुंचे। उन्होंने अगौता क्षेत्र में चीनी मिल लगवाने की गुहार लगाई। हालांकि उस दौरान 40 किमी की दूरी पर चीनी मिल लगाने का नियम था। उनकी गुहार पर अगली बैठक में ही चौधरी अजित सिंह ने मंत्रीमंडल में चीनी मिल लगाने के लिए 40 किमी की दूरी के मानक को खत्म कराया और व्यापारियों से अगौता में चीनी मिल लगाने की अपील की।

उनका कहना है कि अगौता चीनी मिल और साबितगढ चीनी मिल जिले को छोटे चौधरी की ही देन हैं। वे मूल रूप से गुलावठी स्थित भटौना गांव के निवासी हैं, जहां कई बार छोटे चौधरी उनके आवास पर आए। पिता के साथ राजनीति में कदम रखने के कारण छोटे चौधरी ने उन्हें हमेशा पिता की तरह ही सम्मान दिया और तेवतिया चाचा कहकर पुकारते थे। कैबिनेट मंत्री बनने के बाद वे मोतीबाग स्थित आवास पर एक शादी समारोह में पहुंचे और परिवार को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।

रालोद सुप्रीमो अजित सिंह के निधन पर शोक जताया

गुलावठी। रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह के निधन पर रालोद कार्यकर्ताओं ने शोक सभा कर शोक जताया। कुंवर पीके सिंह ने चौधरी अजित सिंह के निधन को बहुत बड़ी अपूर्णनीय क्षति बताया। अजित सिंह के निधन से किसान, मजदूर, गरीब अपने को असहाय सा महसूस कर रहे है। डा. जेपी सिंह ने कहा कि अजित सिंह का राजनैतिक कद बहुत ऊंचा था। भारतीय राजनीति में ऐसा कोई व्यक्तित्व नहीं जो उनकी इज्जत न करता हो। कहा कि किसान वर्ग ने भी अपना नेतृत्व खोया है। शोकसभा में कुंवर पीके सिंह, डा.जेपी सिंह, जयप्रकाश तेवतिया, राजेंद्र सिंह, कुक्कू करकौड़ा, सोनू तेवतिया आदि शामिल रहे।

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