लाखों का उर्वरक डकार गया सचिव, मुकदमा दर्ज

गुलावठी क्षेत्र की भटौना सहकारी समिति पर किसानों के नाम पर सैकड़ों बोरे उर्वरक बेच दिया गया और धनराशि बैंक में जमा नहीं की। जांच के बाद कैडर सचिव को निलंबित कर दिया गया है और गुलावठी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Jun 2021 11:25 PM (IST) Updated:Sun, 27 Jun 2021 11:25 PM (IST)
लाखों का उर्वरक डकार गया सचिव, मुकदमा दर्ज
लाखों का उर्वरक डकार गया सचिव, मुकदमा दर्ज

जेएनएन, बुलंदशहर। गुलावठी क्षेत्र की भटौना सहकारी समिति पर किसानों के नाम पर सैकड़ों बोरे उर्वरक बेच दिया गया और धनराशि बैंक में जमा नहीं की। जांच के बाद कैडर सचिव को निलंबित कर दिया गया है और गुलावठी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

भटौना सहकारी समिति के उर्वरक और डीएपी के स्टॉक का मिलान किया गया। गोदाम की पोस मशीन में 196 बोरों का स्टाक खारिज भी नहीं किया गया और गोदाम में भी उर्वरक नहीं मिला। इसके साथ ही बिक्री किए गए उर्वरक का ब्यौरा भी अभिलेखों में दर्ज नहीं किया गया। 196 उर्वरक के बोरे कहां गए इसके बारे में भी संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया गया। 196 बोरों की बिक्री की धनराशि दो लाख 25 हजार 400 रुपये भी समिति के बैंक खाते में जमा नहीं किए गए।

मुख्यमंत्री गेहूं खरीद योजना के अंतर्गत भी सचिव विजय सिंह यादव की लापरवाही उजागर हुई है। जिले में 22 जून के बाद समस्त केंद्रों पर खरीदा गया गेहूं एफसीआई के गोदामों में संरक्षित कर दिया गया था। जांच पड़ताल में गोदाम में किसानों द्वारा क्रय किया गए गेहूं के नौ बोरे भी बरामद हुए हैं। यह बोरे गोदामों में क्यों नहीं भेजे गए। जांच में उजागर हुआ कि किसानों से अधिक गेहूं तौल कराकर नौ गेहूं के बोरों को कालाबाजारी के लिए रखा गया था।

इन्होंने कहा..

भटौना सहकारी समिति के सचिव द्वारा 196 उर्वरक बोरों का गबन किया गया है। सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और विधिक कार्रवाई के लिए मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।

-प्रदीप कुमार सिंह, एआर कापरेटिव।

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