1.70 करोड़ से बने अंत्येष्टि स्थल निर्माण में गड़बड़झाला

मुरादनगर में अंत्येष्टि स्थल की छत गिरने से दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद प्रदेश सरकार ने जर्जर और मानकविहीन इमारतों की जांच के निर्देश दिए थे। ऐसे में खुर्जा में सात अंत्येष्टि स्थलों के निर्माण में मानकों को दरकिनार करने की शिकायत जिलाधिकारी से की गई। एक पखवाड़ा गुजरने के बाद भी अभी तक अंत्येष्टि स्थलों की जांच नहीं हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 08:00 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 08:00 AM (IST)
1.70 करोड़ से बने अंत्येष्टि स्थल निर्माण में गड़बड़झाला
1.70 करोड़ से बने अंत्येष्टि स्थल निर्माण में गड़बड़झाला

जेएनएन, बुलंदशहर। मुरादनगर में अंत्येष्टि स्थल की छत गिरने से दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद प्रदेश सरकार ने जर्जर और मानकविहीन इमारतों की जांच के निर्देश दिए थे। ऐसे में खुर्जा में सात अंत्येष्टि स्थलों के निर्माण में मानकों को दरकिनार करने की शिकायत जिलाधिकारी से की गई। एक पखवाड़ा गुजरने के बाद भी अभी तक अंत्येष्टि स्थलों की जांच नहीं हुई है।

पंचायत राज विभाग गांव में अंत्येष्टि स्थल बनाने के लिए 24.36 लाख रुपये ग्राम पंचायत को जारी करता है। खुर्जा क्षेत्र में 34 अंत्येष्टि स्थलों का निर्माण हुआ। इनमें से सात अंत्येष्टि स्थलों के निर्माण में ईंट, लोहा, सीमेंट और अन्य सामग्री में कटौती करने की शिकायत जिलाधिकारी रविद्र कुमार से की थी। जिलाधिकारी ने खुर्जा लोक निर्माण विभाग को तकनीकी जांच कराकर रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश जारी किए थे।

जांच से मुंह फेरा

सात गांवों में बने अंत्येष्टि स्थलों की जांच लोक निर्माण विभाग खुर्जा की तकनीकी टीम को सौंपी गई थी। लेकिन खुर्जा टीम ने इसे अपने क्षेत्र में न होने की बात कहते हुए लोकनिर्माण विभाग खंड दो को जांच ट्रांसफर कर दी है। 15 दिन बीतने के बाद भी अंत्येष्टि स्थलों की जांच नहीं की गई है।

यहां होनी है अंत्येष्टि स्थलों की जांच

खुर्जा क्षेत्र के गांव फराना जमालपुर, उस्मानपुर, मैना मौजपुर, अरनियां, मंसूरपुर, हसनपुर और नेकपुर की तकनीकी जांच के निर्देश दिए गए हैं। यह निर्देश अगस्त माह में जारी किए गए थे लेकिन अभी तक जांच नहीं हो पाई है।

इन्होंने कहा..

खुर्जा क्षेत्र में हुए अंत्येष्टि स्थलों की तकनीकी जांच जल्द पूरी कराने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्र लिखा गया है। जैसे ही रिपोर्ट आएगी, संबंधित ग्राम पंचायत के निवर्तमान ग्राम प्रधान और सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-नंदलाल, डीपीआरओ

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