छत्तीसगढ़ तक का सफर करेगा फल पट्टी का 'लंगड़ा'

कृषि प्रधान जिले में स्याना क्षेत्र को फल पट्टी के नाम से जाना जाता है। फलों के राजा आम की बादशाहत प्रदेश में ही नहीं बाहरी राज्यों तक कायम है। स्याना फल पट्टी का दशहरी लंगड़ा और तोतापुरी की बाहरी राज्यों में भारी मांग है। लाकडाउन की बंदिशें हट गई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Jun 2021 11:40 PM (IST) Updated:Sun, 06 Jun 2021 11:40 PM (IST)
छत्तीसगढ़ तक का सफर करेगा फल पट्टी का 'लंगड़ा'
छत्तीसगढ़ तक का सफर करेगा फल पट्टी का 'लंगड़ा'

जेएनएन, बुलंदशहर। कृषि प्रधान जिले में स्याना क्षेत्र को फल पट्टी के नाम से जाना जाता है। फलों के राजा आम की बादशाहत प्रदेश में ही नहीं बाहरी राज्यों तक कायम है। स्याना फल पट्टी का दशहरी, लंगड़ा और तोतापुरी की बाहरी राज्यों में भारी मांग है। लाकडाउन की बंदिशें हट गई हैं। जिले का लंगड़ा आम बाहरी राज्यों तक का सफर तय करेगा। स्याना क्षेत्र से रोजाना 25 से 30 ट्रक आम बाहरी राज्यों में आपूर्ति होता है।

पिछले दो वर्षो से आम के उत्पादक खून के आंसू रो रहे हैं। कोरोना काल के चलते मांग न होने से जनपद की सीमाओं तक ही फल पट्टी की महक फैलती है। उत्पादन अधिक और मांग कम होने के कारण गत वर्ष भी किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। इस बार फलों का राजा अपनी बादशाहत पाने के लिए आतुर है। 1976 से स्याना क्षेत्र में आम की खेती करने वाले किसान केदारनाथ ने बताया कि क्षेत्र के बागों से छत्तीसगढ़, भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद, अलवर और दिल्ली मंडियों में आपूर्ति होती है। कोरोना काल के चलते संक्रमण से बचाव और बाहरी राज्यों तक ट्रांसपोर्ट न होने के कारण बागवानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था और सस्ती दरों पर ही आम बेचना पड़ा। वित्तीय वर्ष के सीजन में भी ऐसा ही हाल है। हालांकि कोविड-19 की दूसरी लहर पार करने के बाद राज्य और बाहरी राज्यों में लाकडाउन की बंदिशें हटने के आसार हैं। सात जून को लाकडाउन हटेगा तो आम की मांग भी बढ़ेगी और दाम भी। बताया कि वर्तमान में 20 से 25 रुपये किलो थोक में आम बिक रहा है। लाकडाउन खुलने पर आम का भाव बाहरी राज्यों की मंडियों में 40 से 45 रुपये प्रति किलो होने के आसार हैं। फिलहाल आम की तौड़ काफी कर दी है। लाकडाउन खुलते ही आम को बाहरी राज्यों की मंडियों तक पहुंचाया जाएगा।

.... फोन पर होती है आम की डील

सामान्य दिनों में जनपद से रोजाना 22 से 25 हजार कुंतल आम की आपूर्ति बाहरी राज्यों की मंडी में होती है। व्यापारी सीधे बाग मालिक अथवा ठेकेदार से संपर्क करते हैं और फोन पर ही लाखों रुपये की डील होती है। कुछ व्यापारी ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी स्वयं करते हैं। फल पट्टी में लंगड़ा, दशहरी, चौसा, रामकेला, आम्रपाली, मल्लिका, रटौल, गुलाब जामुन, गुलाब खास, निसार पसंद, नीलम और बेंगनपल्ली प्रजाति के आम का उत्पादन होता है।

... इन्होंने कहा..

किसान आम को बाहरी राज्यों तक आपूर्ति कर सकेंगे। कोविड-19 के नियमों में किसान को फसल लाने और ले जाने पर रोक नहीं है। मांग के अनुसार किसान किसी भी राज्य में आम की बिक्री कर सकते हैं। पुलिस अथवा जिला प्रशासन की कोई रोक नहीं है। किसान को न ही किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता है।

-डा. धीरेंद्र सिंह

जिला उद्यान अधिकारी।

chat bot
आपका साथी