सकारात्मक उर्जा, संकल्प शक्ति एवं पूर्ण समर्पण से मिलेगी मंजिल

जेएनएन बुलंदशहर। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी का भयावह दौर अब गु

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 12:10 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 12:10 AM (IST)
सकारात्मक उर्जा, संकल्प शक्ति एवं पूर्ण समर्पण से मिलेगी मंजिल
सकारात्मक उर्जा, संकल्प शक्ति एवं पूर्ण समर्पण से मिलेगी मंजिल

जेएनएन, बुलंदशहर। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी का भयावह दौर अब गुजर गया है। आने वाला समय नई उम्मीदें लेकर आ रहा है। विद्यार्थियों को इन चुनौतियों से सबक लेकर भविष्य की राह प्रशस्त करनी होगी। सकारात्मक उर्जा, संकल्प शक्ति एवं पूर्ण समर्पण विद्यार्थियों को मंजिल तक पहुंचने की सीढ़ी है। मंजिल पाने के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित करना होगा। लक्ष्य पाने के लिए विषय का गहन अध्ययन करना होगा। बौद्धिक एवं भावनात्मक तालमेल भी बैठाना होगा। संवेदनशील बनकर बेहतर इंसान बनना होगा। दैनिक जागरण की ओर से आयोजित यूथ कनेक्ट वर्चुअल संवाद में लीलावती कांवेंट स्कूल के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं।

जगानी होंगी मानवीय संवेदनाएं

उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि सफलता के मार्ग में बहुत सी चुनौतियां आती हैं। जिनसे विचलित होने की जरूरत नहीं है। कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ व्यक्तित्व विकास करना होगा। मानवीय संवेदनाएं जगानी होंगी। पराजय की चुनौतियों को सहजता से स्वीकार करना होगा। मार्ग में आने वाले इन तूफानों से कैसे निकलना है यह भी सीखना होगा। इसके लिए साहित्य पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ाना होगा। साथ ही माता-पिता और अभिभावकों को भी बच्चे के असफल होने पर उसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए दबाव डालने से बचना होगा। उन्हें बच्चों को बेहतर इंसान बनाने के लिए प्रेरित करना होगा।

आध्यात्मिक बनें पर अंधविश्वासी नहीं

एसएसपी ने कहा कि बच्चे आध्यात्मिक बनें पर अंधविश्वासी न बनें। अपने जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी अपनाएं। इसका एक बहुत अच्छा उदाहरण उन्होंने जापानी व्यक्तियों का दिया। भगवान श्रीराम के मर्यादा पुरुषोत्तम व्यक्तित्व से जीवन जीने की कला सीखने के लिए भी प्रेरित किया। कहा कि सदैव मर्यादा बनाएं रखें और अपने व्यक्तित्व का निर्माण करें। दूसरे लोगों की अपेक्षाओं पर ध्यान देने की बजाय बच्चों को अपना गुरु स्वयं बनना है। एकबार मंजिल पर पहुंचने के बाद स्वयं को व्यस्थित रखना होगा। मेज के उस पार खडे़ आगंतुक की तरह स्वयं को रखकर सोचना होगा। सिविल सर्विस में रहकर बेहतर इंसान का आदर्श प्रस्तुत करना होगा।

सकारात्मक सोच ही सफलता का मूल मंत्र है : शैली अग्रवाल

लीलावती कान्वेंट स्कूल की प्रधानाचार्या शैली अग्रवाल ने दैनिक जागरण के 'यूथ कनेक्ट' वर्चुअल संवाद की सराहना की। कहा कि भले ही कोरोना महामारी की वजह से आज परिस्थितियां विषम हैं, लेकिन इनमें भी विद्यार्थी अपनी मनोस्थिति को बदलकर स्वंय को उसके अनुकूल बना सकते हैं। क्योंकि चुनौती जीवन का हिस्सा होती है। जीवन में कुछ न कुछ सीख देकर जाती है। एसएसपी ने विद्यार्थियों से जुड़कर उन्हें सफल व्यक्ति बनने का मूलमंत्र दिया है। इससे विद्यार्थियों में आत्मविश्वास पैदा होगा। विद्यार्थियों के हौसले को नई उड़ान मिलेगी।

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