महिलाओं की जिदगी में रोशनी भरेगा बैगों की चेन का छल्ला

दानपुर में ग्रामीण परिवेश में तमाम महिलाएं कामयाबी की इबारत लिख रहीं हैं। इन महिलाओं की सोच ने रोजगार के मामले में पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 10:51 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 10:51 PM (IST)
महिलाओं की जिदगी में रोशनी भरेगा बैगों की चेन का छल्ला
महिलाओं की जिदगी में रोशनी भरेगा बैगों की चेन का छल्ला

बुलंदशहर, जेएनएन। दानपुर में ग्रामीण परिवेश में तमाम महिलाएं कामयाबी की इबारत लिख रहीं हैं। इन महिलाओं की सोच ने रोजगार के मामले में पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया है। रोजगार के प्रति महिलाओं के कदम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ब्लाक में तमाम महिलाएं ऐसी हैं, जिन्होंने घर की पाबंदियों को लांघकर रोजगार की ओर कदम बढ़ाए हैं। इस मुनाफे के दम पर महिलाएं अपने सपनों को साकार करते हुए बच्चों की पढ़ाई लिखाई के साथ घरेलू खर्च में गृह स्वामियों का सहयोग कर रहीं हैं। महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने का विशेष कारवां दानपुर ब्लाक में देखा जा सकता हैं। यहां की विभिन्न ग्राम पंचायतों में महिलाओं ने समूह बनाकर अपने दम पर रोजगार के उद्योग खड़े कर दिए हैं। महिलाएं हर एक दो माह में नए उत्पाद का कारखाना खड़ा कर देती हैं। अब ब्लाक के बगठारी गांव में कुछ महिलाओं ने बैग की चैन के छल्ले बनाने का कारोबार शुरू किया है। इस कारोबार की शुरुआत गांव की महिला मैनाज ने की है। उसने महिला शक्ति के नाम से समूह का गठन किया। मुनाफा दिखा तो अन्य महिलाएं भी जुड़ती चली गई। महिलाओं के कारखाने में तैयार चैन के छल्ले दिल्ली के सदर बाजार में तहलका मचा रहे हैं। इन छल्लों को बनाने के लिए महिलाओं ने गांव में बाकायदा तीन मशीनें लगाई है। इस काम से प्रत्येक महिला के हिस्से में 300 रूपये से अधिक का मुनाफा रोजाना आता है।

इन्होंने कहा

हमारा मकसद ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इसीलिए महिलाओं को जोड़कर समूह बनाए जा रहे हैं। इस पहल से प्रेरित होकर तमाम महिलाएं रोजगार से जुड़ चुकी हैं। महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी, तो समाज में उनका कद बढ़ेगा। वह शोषण से बचकर अच्छी जिदंगी गुजार सकेंगी।

-मेराजुल इस्लाम, ब्लाक मिशन मैनेजर दानपुर।

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