प्रशासन के आदेश हुए हवा, श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान

कोरोना के कारण गंगा दशहरा पर गंगा स्नान नहीं होगा जिला प्रशासन द्वारा अनेक माध्यम से प्रचार प्रसार कराया गया। अनेक स्थानों पर पुलिस भी तैनात की गई। किंतु आस्था के वशीभूत हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:02 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:02 PM (IST)
प्रशासन के आदेश हुए हवा, श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान
प्रशासन के आदेश हुए हवा, श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान

जेएनएन, बुलंदशहर। कोरोना के कारण गंगा दशहरा पर गंगा स्नान नहीं होगा, जिला प्रशासन द्वारा अनेक माध्यम से प्रचार प्रसार कराया गया। अनेक स्थानों पर पुलिस भी तैनात की गई। किंतु आस्था के वशीभूत हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।

रविवार को ज्येष्ठ माह के दशहरा पर गंगा स्नान नहीं होगा, कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अनेक प्रचार के माध्यम से इस बात की घोषणा करा दी। नगर में प्रवेश को लेकर बैरीकेडिग लगाकर पुलिस तैनात की गई। अनेक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। जनपद से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। किंतु पूरी रात गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का रैला आवागमन करता रहा। सुबह होने के साथ भीड़ और बढ़ गई। शिव चौक से जाह्नवी प्लेट फार्म तक अनेक अस्थाई दुकानें सज गई, दुकानों पर प्रसाद, पूजा सामग्री, महिलाओं का सामान, बच्चों के खिलौने बेचे जा रहे थे। बबस्टरगंज घाट, पुल के निकट, परशुराम घाट, दिनेश घाट, लाल महादेव घाट पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया। अनेक श्रद्धालुओं ने अपने बच्चों के मुंडन संस्कार कराकर भगवान सत्यनारायण की कथा का आयोजन कराया। गंगा के तेज बहाव में अनेक वनस्पतियां बहकर आ रही थी। जिससे श्रद्धालुओं को स्नान करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। दोपहर देर तक श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहा। श्रद्धालुओं को पुलिस ने वापस लौटाया

गंगा दशहरा के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने इस बार गंगा ने डुबकी नहीं लगाई। गंगा घाट पर तैनात पुलिस ने घाट पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को बिना स्नान किए वापस लौटा दिया। गंगा में भी जल स्तर काफी बढ़ा हुआ था। कोरोना संक्रमण रोकने सहित बढ़ते जल स्तर के चलते सुरक्षा को देखते हुए इस बार गंगा स्नान नहीं हुआ। क्षेत्र के भगवानपुर, बसीबांगर, फरीदाबांगर आदि गंगाघाट सूने रहे।

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