एहतियात बरतें, कोरोना संक्रमण से बचे रहेंगे
कोरोना काल में घर से बाहर निकलकर ड्यूटी करना सबसे अधिक संवेदनशील है क्योंकि सड़कों पर बाजार में और दफ्तर पर पता नहीं कौन संक्रमित घूम रहा हो। इसलिए बहुत ज्यादा एहतियात बरतने की जरुरत है। वैक्सीन आने तक सावधानी ही बचाव है।
जेएनएन, बुलंदशहर। कोरोना काल में घर से बाहर निकलकर ड्यूटी करना सबसे अधिक संवेदनशील है, क्योंकि सड़कों पर, बाजार में और दफ्तर पर पता नहीं कौन संक्रमित घूम रहा हो। इसलिए बहुत ज्यादा एहतियात बरतने की जरुरत है। वैक्सीन आने तक सावधानी ही बचाव है।
नीमखेड़ा निवासी पुष्पेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में जब पहला पाजिटिव सामने आया तो पूरे शहर में दहशत का माहौल था। बावजूद इसके मैं घर से निकलकर काम करता है। गांव के कई मरीजों को लेकर अस्पताल भी आया। अस्पताल आने तक भीड़ से गुजरना पड़ता है। परिवारिक काम से भी घर से बाहर जाना पड़ा। इसके अलावा ये आटोमोबाइल्स के मैकेनिक हैं। दफ्तर में भी बाहर के लोग आते हैं। इसलिए पूरी एहतियात बरतनी पड़ती है। लाकडाउन के बाद अनलाक शुरू हुआ तो मरीजों ने घरों से निकलना शुरू किया। सड़क से अस्पतालों को कोरोना ही कोरोना संक्रमित घूम रहे हैं। ऐसे माहौल में मरीजों के बीच रहकर भी स्वयं को संक्रमण से बचाना बड़ी चुनौती है। पुष्पेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि वह नियमित मास्क पहनकर अस्पताल में रहते हैं। मरीज हो या कर्मचारी या फिर अधिकारी दो मीटर का शारीरिक दूरी पालन जरुर करते हैं। कई बार साबुन से हाथ धोते हैं। सैनिटाइजर भी रखते हैं। गाइडलाइन का पालन किया। नियमित सुबह को व्यायाम भी करते हैं। इनका कहना है कि इन्ही नियमों का सभी पालन करें तो कोरोना से बचे रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब भी घर से बाहर निकलें अपने साथ सैनिटाइजर रखें। बाहर से घर आए तो साबुन से हाथ जरूर धोएं।