थोड़ा गुनगुना लो, आज आफतों का दौर है
जेएनएन बुलंदशहर बुलंदशहर महोत्सव में जिला कृषि औद्योगिक एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी के दौरान गुरुवार की रात कविता और गीतों की बात हुई। यहां आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से समा बांध दिया। राजनीति की बात करने वाले जिले के प्रभारी मंत्री और परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया का कवि रूप देखकर तो अफसरान और श्रोता आश्चर्यचकित रह गए।
जेएनएन, बुलंदशहर : बुलंदशहर महोत्सव में जिला कृषि औद्योगिक एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी के दौरान गुरुवार की रात कविता और गीतों की बात हुई। यहां आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से समा बांध दिया। राजनीति की बात करने वाले जिले के प्रभारी मंत्री और परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया का कवि रूप देखकर तो अफसरान और श्रोता आश्चर्यचकित रह गए।
अशोक कटारिया ने स्वरचित रचना सुनाई-थोड़ा गुनगुना लो आज आफतों का दौर है। छीन ले जिदगी कोई आज सियासतों का दौर है। इस दौरान उन्होंने मंच से बताया कि वह कविताएं लिखते हैं लेकिन मंच पर पहली बार कविता पाठ किया है। उनकी फाइल में करीब 100 स्वरचित कविताएं हैं।
इससे पूर्व आइएएस डा. हरिओम ने गजलें सुनाईं। उन्होंने कहा-मैं तेरे प्यार का मारा हुआ हूं, सिकंदर हूं मगर हारा हुआ हूं। इस पर श्रोताओं ने तालियां बजाईं। इसके बाद पद्मश्री और यश भारती अवार्ड से सम्मानित हास्य कवि डा. सुनील जोशी ने कहा-सारे दलों में मचा है हाहाकार रसिया, मोदी ने फिर बना ली सरकार रसिया। इसके बाद -देखो कुर्सी की बलिहारी पर खूब तालियां बटोरीं।
अंत में ओज के कवि डा. हरिओम पंवार ने माइक संभाला और-मैं भारत का संविधान हूं लाल किले से बोल रहा हूं, सुनाकर श्रोताओं में जोश भर दिया। इसके बाद चंद्रशेखर आजाद पर लिखी कविता प्रस्तुत की-चंद्रशेखर आजाद-मैं दामन में दर्द तुम्हारे, अपने लेकर बैठा हूं आजादी के टूटे-फूटे सपने लेकर बैठा हूं। जिलाधिकारी रविद्र कुमार ने तीनों कवियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस दौरान सीडीओ अभिषेक पांडेय, एसएसपी संतोष कुमार सिंह, डीपीओ हरिओम वाजपेयी, बाल कल्याण अधिकारी भूपेंद्र चौधरी आदि मौजूद रहे।