निरक्षरों में ज्ञान की ज्योति जला रहे सुरेंद्र

सेवानिवृत्ति के बाद ज्यादातर शिक्षक आराम करते हैं या परिवार के साथ समय बिताते हैं लेकिन जहांगीराबाद के सुरेंद्र कुमार दीक्षित सेवानिवृत्ति के बाद भी ज्ञान की ज्योति जला रहे हैं। पिछले 17 सालों से सुरेंद्र कई निरक्षरों को अक्षर ज्ञान करा चुके हैं। इसके अलावा गरीब बच्चों को भी शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Sep 2020 11:27 PM (IST) Updated:Tue, 08 Sep 2020 06:09 AM (IST)
निरक्षरों में ज्ञान की ज्योति जला रहे सुरेंद्र
निरक्षरों में ज्ञान की ज्योति जला रहे सुरेंद्र

बुलंदशहर, जेएनएन। सेवानिवृत्ति के बाद ज्यादातर शिक्षक आराम करते हैं या परिवार के साथ समय बिताते हैं लेकिन जहांगीराबाद के सुरेंद्र कुमार दीक्षित सेवानिवृत्ति के बाद भी ज्ञान की ज्योति जला रहे हैं। पिछले 17 सालों से सुरेंद्र कई निरक्षरों को अक्षर ज्ञान करा चुके हैं। इसके अलावा गरीब बच्चों को भी शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ चुके हैं।

जहांगीराबाद के मोहल्ला किला घासमंडी में रहने वाले करीब 78 वर्षीय सुरेंद्र कुमार दीक्षित अमरगढ़ के जवाहर ज्योति इंटर कालेज में शिक्षक थे। नौकरी के समय में बिना किसी लापरवाही के अनुशासित पढ़ाई के लिए पहचान बनाने वाले प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार ने सेवानिवृत्ति के बाद से शिक्षा की ज्योति जलाते रहने का संकल्प लिया। इसी मुहिम को वह अब भी चला रहे हैं। जहांगीराबाद और आसपास के गांव के गरीब बच्चों को अंग्रेजी का निश्शुल्क ट्यूशन देते हैं। गरीब बच्चों की फीस भी अपनी पॉकेट से भर देते हैं। गरीब बच्चों को किताबें भी उपलब्ध करा देते हैं। पिछले 17 साल में सौ से अधिक अंगूठा लगाने वाले लोगों को हस्ताक्षर करने और अखबार पढ़ने योग्य बना दिया। सुरेंद्र ने बताया कि पढ़ाई के सहारे समय भी बीत जाता है और मन को बहुत शांति मिलती है। ज्ञान का दान भी बड़ा दान है। इसलिए लोगों की साक्षर करने की सेवा में लगा हूं। शुरुआत में लोग आते थे कि कहां चक्कर में पड़े हो पेंशन से ऐश करो, घूमो फिर और घर पर आराम करो लेकिन मैंने अपने मन के आगे किसी की भी नहीं सुनी। बुजुर्गो के लिए बनाई लाइब्रेरी

ज्ञान की ज्योति जलाने वाले सुरेंद्र दीक्षित ने जहांगीराबाद में स्वयं के खर्च से एक लाइब्रेरी बनाई हुई है जिसमें बुजुर्ग लोग अखबार और उपन्यास पढ़ते हैं। छात्र-छात्राएं भी लाइब्रेरी में ज्ञान संकलन के लिए आते हैं। कई स्कूलों में सुधारी व्यवस्था

नौकरी के दौरान भी जिन स्कूलों में अध्यापन कार्य किया वहां व्यवस्था को सुधारने पर पूरा जोर दिया। बच्चों के पर्सनाल्टी डवलपमेंट पर जोर दिया। मेरा उद्देश्य है कि समाज के जितना भी काम आ सकूं आ जाऊं। किसी समाज या देश का उत्थान बिना शिक्षा के संभव नहीं है।

-सुरेंद्र कुमार दीक्षित जिले में 70.23 फीसद साक्षर लोग

जिले में 70.23 फीसद साक्षर लोग हैं। इसमें पुरुषों की साक्षरता दर 82.52 फीसद और महिलाओं की साक्षरता दर 56.60 फीसद है। इसको अभी और बढ़ाने की जरुरत है। इसके लिए ही 1966 से अब तक सरकार तमाम अभियान चला रही है। शिक्षक लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि निरक्षरों को पढ़ाएंगे तो कोई भी निरक्षर नहीं रहेगा और राज्य साक्षर घोषित हो जाएगा।

-अखंड प्रताप सिंह, बीएसए

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नई शुरुआत करनी होगी

लंबे समय से सरकार साक्षरता पर काम कर रही है। उसके बाद भी हम शिक्षा में पीछे हैं। दो दशक पहले केरल साक्षर घोषित हो चुका है। साक्षरता दिवस पर प्रण लें, कि प्रत्येक साक्षर व्यक्ति एक निरक्षर व्यक्ति को पढ़ाएगा। इस प्रण के बाद देश में कोई भी निरक्षर नहीं होगा और हमारी विश्व में पहचान बनेगी।

-हरीशंकर सैन, पूर्व जिला समन्वयक (साक्षरता) -जगमोहन

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