414 करोड़ का गन्ना भुगतान, मंडल में प्रथम स्थान
जेएनएन बुलंदशहर नए कृषि कानून को लेकर भले ही किसान केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ धरनारत हों लेकिन दूसरी ओर गन्ना नीति के अंतर्गत गन्ना किसानों को समय पर भुगतान कराया जा रहा है। कृषि प्रधान जिले की बात करें तो मंडल के पांच जनपदों में बुलंदशहर गन्ना भुगतान करने के मामले में पहले पायदान पर है।सरकार के खिला
जेएनएन, बुलंदशहर :
नए कृषि कानून को लेकर भले ही किसान केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ धरनारत हों लेकिन दूसरी ओर गन्ना नीति के अंतर्गत गन्ना किसानों को समय पर भुगतान कराया जा रहा है। कृषि प्रधान जिले की बात करें तो मंडल के पांच जनपदों में बुलंदशहर गन्ना भुगतान करने के मामले में पहले पायदान पर है।
जनपद में 1.75 लाख किसान परिवार गन्ने की फसल से जुड़े हैं। 80 हजार हैक्टेयर जमीन में गन्ने की खेती हो रही है। जिले में चार चीनी मिलों के साथ-साथ बाहरी दो जिलों की चीनी मिलों को भी किसान गन्ना आपूर्ति कर रहे हैं। गन्ना नीति के अंतर्गत चीनी की बिक्री के आधार पर किसानों को बकाया भुगतान करने की प्रक्रिया कारगर साबित हो रही है। चालू पेराई सत्र अंतिम दौर में है। बुलंदशहर स्थित वेव शुगर मिल का 18 अप्रैल को पेराई सत्र बंद हो चुका है। जबकि साबितगढ़, अनामिका और अनूपशहर चीनी मिल मई माह में पेराई सत्र बंद करेंगे। चीनी उत्पादन की बात करें तो अभी तक 65 प्रतिशत गन्ना भुगतान चीनी मिलों ने कर दिया है।
चालू पेराई सत्र की स्थिति
चीनी मिल : चीनी उत्पादन : गन्ना भुगतान : बकाया
-साबितगढ़ : 10.54 लाख बोरे : 231.92 करोड़ : 67.77 करोड़
-अनामिका : 6.25 लाख बोरे : 104.22 करोड़ : 72.74 करोड़
-वेव शुगर मिल : 3.69 लाख बोरे : 47.11 करोड़ : 60.94 करोड़
-अनूपशहर : 3.09 लाख बोरे : 30.91 करोड़ : 75.01 करोड़
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मंडल में गन्ना भुगतान की स्थिति
बुलंदशहर : 65.65 प्रतिशत
मेरठ : 44.59 प्रतिशत
बागपत : 18.91 प्रतिशत
हापुड़ : 13.47 प्रतिशत
गाजियाबाद : 2.35 प्रतिशत
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इन्होंने कहा..
चारों चीनी मिलों ने 414 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। आज ही वेव शुगर मिल ने किसानों का छह करोड़ रुपये का भुगतान किया है। गन्ना भुगतान के मामले में मंडल में प्रथम स्थान पर हैं और इस पर कायम रहेंगे। 276 करोड़ बकाया है जिसे जल्द कराया जाएगा।
- डीके सैनी
जिला गन्ना अधिकारी।