मानसून से पहले पौधारोपण की फाइलों में आंकड़ेबाजी

जेएनएन बुलंदशहर मानसून से पहले पौधारोपण की फाइलों में खूब आंकड़ेबाजी की जा रही है। जबकि धरातल पर यह आंकडे़ धड़ाम हो रहे हैं। विभागों की ओर से गड्ढे खोदने से लेकर अन्य तैयारियों का दावा किया जा रहा है लेकिन जमीन पर की गई आंकड़ेबाजी की हकीकत खुल रही है। इसमें भी प्राविधिक और उच्च शिक्षा विभाग सबसे फिसड्डी नजर आ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:06 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:06 PM (IST)
मानसून से पहले पौधारोपण की फाइलों में आंकड़ेबाजी
मानसून से पहले पौधारोपण की फाइलों में आंकड़ेबाजी

जेएनएन, बुलंदशहर : मानसून से पहले पौधारोपण की फाइलों में खूब आंकड़ेबाजी की जा रही है। जबकि धरातल पर यह आंकडे़ धड़ाम हो रहे हैं। विभागों की ओर से गड्ढे खोदने से लेकर अन्य तैयारियों का दावा किया जा रहा है, लेकिन जमीन पर की गई आंकड़ेबाजी की हकीकत खुल रही है। इसमें भी प्राविधिक और उच्च शिक्षा विभाग सबसे फिसड्डी नजर आ रहा है। 29 विभागों को 39 लाख पौधे लगाने की जिम्मेदारी

हर बार जिले को लाखों पौधे रोपने का लक्ष्य मिलता है। पिछले साल शासन ने जिले को पौधारोपण के लिए 3313737 का लक्ष्य तय किया। जबकि इस साल के लक्ष्य में छह लाख और पौधे लगाने का इजाफा किया है। शासन ने 3914270 पौधारोपण का लक्ष्य जारी किया है। जिसे जिले के 29 विभागों को बांट दिया है। देखभाल की जिम्मेदारी भी इन विभागों को सौंपी गई है। इन विभागों की ओर से पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जमीन पर रिपोर्ट के मुताबिक गड्ढे नजर नहीं आ रहे हैं। जबकि आंकडे़बाजी करके फाइलों से लेकर आनलाइन रिपोर्ट दुरुस्त की जा रही हैं। दावा: बरगद और पीपल के पौधारोपण को भी तवज्जो

कोरोना महामारी की त्रासदी को भयावहता को देखते हुए भी पौधारोपण की तैयारी की गई है। विभागों के साथ सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग पौधारोपण में लिया जाएगा। आक्सीजन की मात्रा वातावरण में बढ़ाने के लिए इस बार बरगद और पीपल के पौधारोपण को भी तवज्जो दी जा रही है। वन विभाग ने लक्ष्य भेदने के लिए जिले में 19 नरसरियों में पौध तैयार कराने और गड्ढा खोदने का दावा किया है। दावा : पिछले साल लगाए पौधों में से आधे जिदा

वन विभाग की माने तो हाईवे एवं रास्तों के चौड़ीकरण, पेड़ों के अनियमित कटान और संरक्षण के अभाव में लगाए गए पौधे नष्ट हो जाते हैं। कुछ पशुओं का निवाला बन जाते हैं। जिनकी पूर्ति अगले साल का पौधारोपण करता है। इसलिए प्रतिवर्ष पौधारोपण करके पर्यावरण का संतुलन बनाने का प्रयास किया जाता है। पिछले साल जो पौधे लगाए गए थे उनमें से आधे से ज्यादा जीवित हैं। इन्होंने कहा.....

29 विभागों के साथ मिलकर इस बार जिले में 39 लाख से अधिक पौधारोपण कराया जाएगा। संबंधित विभाग लक्ष्य भेदने के लिए गड्ढे खोद रहे हैं। इसकी रिपोर्ट कंपाइल की जा रही है। तय समय से पहले तैयारी पूरी कर ली जाएंगी और पौधारोपण कराया जाएगा।

गौतम सिंह डीएफओ।

chat bot
आपका साथी