कहीं जल रही पराली, कहीं कूडे से उठा रहा धुंआ

सिकंदराबाद में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकारी दावों व हकीकत में बहुत अंतर है। जगह-जगह जहां कूड़ों के ढेर में आग लगाई जा रही है वहीं खेतों भी पराली जलाने का क्रम जारी है। इससे जिम्मेदार अफसर बिल्कुल अंजान है और लोगों को समस्या हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 07:45 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 07:45 PM (IST)
कहीं जल रही पराली, कहीं कूडे से उठा रहा धुंआ
कहीं जल रही पराली, कहीं कूडे से उठा रहा धुंआ

बुलंदशहर, टीम जागरण। सिकंदराबाद में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकारी दावों व हकीकत में बहुत अंतर है। जगह-जगह जहां कूड़ों के ढेर में आग लगाई जा रही है, वहीं खेतों भी पराली जलाने का क्रम जारी है। इससे जिम्मेदार अफसर बिल्कुल अंजान है और लोगों को समस्या हो रही है।

गत नवंबर माह से प्रदूषण की मार झेल रहे लोगों को राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। हालांकि दो दिन से दिनभर तेज हवाओं के चलते दिन में एक्यूआइ कम हुआ है, लेकिन अभी भी आसमान में सुबह-शाम धुंध में छाए रहती है। स्थानीय प्रशासन की ओर से वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर विभिन्न धुआं फैलाने वाली भट्टियों के साथ प्रभावी रोकथाम के प्रयास के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन स्थित उलट है। गांव-गांव धान की निकासी के बाद उसकी खेतों में पराली जहां जलाई जा रही है, वहीं गांव-गांव कूड़े के ढेरों में आग सुलग रही है। इससे निकल रहा विषैला धुंआ आसमान में छाने से लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बना रहा है। पर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। न ही जागरूकता अभियान चलाया जा रहा। यही कारण है कि मंगलवार को जहां मंडावरा गांव के बाहर लगे कूड़े में आग लगने से निकल रहे धुएं के कारण लोग त्रस्त रहे, वहीं हाईवे स्थित आढा गांव मार्ग पर सड़क किनारे जलाई गई पुराली परेशानी का सबब बन रही। एसडीएम राकेश कुमार ने बताया कि ब्लाक अधिकारियों व लेखपालों को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

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