पहले नवरात्र को हुई शैलीपुत्री की आराधना

जेएनएन बुलंदशहर नवरात्र के पहले दिल मां के प्रथम स्वरूप शैलीपुत्री की आराधना की गई। हालांकि कोरोना के चलते मंदिर में एक बार में कुछ ही श्रद्धालुओं को प्रवेश करने दिया गया और प्रसाद चढ़ाने पर भी पाबंदी रही। ऐसे में जहां प्रसाद विक्रेता दुकानदार परेशान दिखाई दिए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 10:43 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 10:43 PM (IST)
पहले नवरात्र को हुई शैलीपुत्री की आराधना
पहले नवरात्र को हुई शैलीपुत्री की आराधना

जेएनएन, बुलंदशहर: नवरात्र के पहले दिल मां के प्रथम स्वरूप शैलीपुत्री की आराधना की गई। हालांकि कोरोना के चलते मंदिर में एक बार में कुछ ही श्रद्धालुओं को प्रवेश करने दिया गया और प्रसाद चढ़ाने पर भी पाबंदी रही। ऐसे में जहां प्रसाद विक्रेता दुकानदार परेशान दिखाई दिए। वहीं दूसरी तरफ श्रद्धालु भी मायूस दिखाई दिए।

मंगलवार को प्रथम नवरात्र पर श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर में सुबह मुख्य आरती के बाद कलश स्थापित किया गया। जिसके बाद मंदिर में मातारानी के प्रथम स्वरूप शैलीपुत्री की पूजा विधि-विधान के साथ की गई। मंदिर के पुजारी कमल राज ने बताया कि नवरात्र की प्रथम शक्ति मां शैलीपुत्री हैं। सती जन्म में राजा दक्ष प्रजापति की पुत्री थीं। सती के पिता ने यज्ञ में अपने दामाद श्रीशंकर भगवान को नहीं बुलाया, तो उन्होंने यज्ञ कुंड में अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। सती ने दूसरा जन्म पार्वती के रूप में लिया। पर्वतराज की पुत्री होने के कारण मां दुर्गा के पहले स्वरूप का नाम शैलीपुत्री पड़ा। मातारानी के इस स्वरूप को मंदिर में सफेद रंग की पोशाक धारण कराई गई और गाय के घी का भोग लगाया गया। वहीं दूसरी तरफ ज्योति लेने आने वाले भक्त भी मंदिर पहुंचे और उन्होंने मातारानी से आर्शीवाद प्राप्त किया। हालांकि कोरोना के चलते इस बार मंदिर में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए श्रद्धालुओं को प्रवेश करने दिया गया। वहीं मास्क नहीं लगाने वाले श्रद्धालुओं को भी मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया।

मंदिरों में कम संख्या में रहे श्रद्धालु

बुलंदशहर: चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन श्रद्धालुओं ने मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना कर पुण्य लाभ अर्जित करते हुए अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

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