शबाना के जुनून ने महिलाओं को दिखाई नई राह

आधुनिक युग में अब वो दिन लद गए। जब लोग महिलाओं के काम को लेकर कई तरह की बंदिश लगाते थे। नारी सशक्तीकरण के इस नए रूप में महिलाएं अपने काम से दूसरों को भी राह दिखा रही हैं तो दूसरी ओर अन्य युवतियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी कर रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 11:04 PM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 11:04 PM (IST)
शबाना के जुनून ने महिलाओं को दिखाई नई राह
शबाना के जुनून ने महिलाओं को दिखाई नई राह

जेएनएन, बुलंदशहर। आधुनिक युग में अब वो दिन लद गए। जब लोग महिलाओं के काम को लेकर कई तरह की बंदिश लगाते थे। नारी सशक्तीकरण के इस नए रूप में महिलाएं अपने काम से दूसरों को भी राह दिखा रही हैं तो दूसरी ओर अन्य युवतियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी कर रही हैं। शबाना के कुछ कर गुजरने के जुनून ने महिलाओं को नई राह दिखाई।

जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर स्थित खदाना की रहने वाली शबाना ने चुनौतियों पर विजय पाते हुए महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान कर कोरोना को मात देने में अहम भूमिका निभाई। कोरोना काल में जब सब कुछ उथल -पुथल हो रहा था और लाकडाउन के कारण रोजगार के सारे दरवाजे बंद थे। शबाना ने महिलाओं को घर पर रोजगार मुहैया कराने और महामारी से बचाव के लिए मास्क तैयार करने की योजना बनाई। शबाना का समूह पहले से बच्चों की पोशाक तैयार करने का काम कर रहा था, लेकिन कोरोना महामारी ने सब पर ब्रेक लगा दिया। शबाना ने महिलाओं के साथ मिलकर स्कूल ड्रेस के बचे हुए कपड़े का प्रयोग मास्क तैयार करने में करना शुरू कर दिया। मास्क के बनाने के काम महिलाओं के लिए आपदा में अवसर बन गया। मास्क की आपूर्ति आस-पास के साथ ही जिला प्रशासन को करना शुरू कर दिया। थोड़े दिन में ही कपड़ा खत्म हो गया। ऐसे मुश्किल समय में खादी ग्रामोद्योग की एक इकाई ने कपड़ा तथा अन्य सामान उपलब्ध कराने के लिए हाथ आगे बढ़ाए। इससे महिलाओं को समूह में जोश का संचार हो गया। बस फिर क्या था महिलाएं ऐसी एकजुट हुई कि इन्होंने 80 हजार से अधिक मास्क तैयार किए। मास्क से जहां समूह को 80 हजार रुपये से अधिक के मुनाफा के साथ लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा में बहुत बड़ी मदद भी मिली। ..

इन्होंने कहा..

कोरोना काल में 80 हजार से अधिक मास्क तैयार कर महिलाओं को आय का नया जरिया मिलने के साथ लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा करने में बड़ी मदद मिली। मास्क तैयार कर सभी महिलाओं को 80 रुपये की आय हुई।

- शबाना, अध्यक्ष स्वयं सहायता समूह

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