शिक्षक संघ के अक्रामक तेवर देख करना पड़ा आदेश निरस्त
बुलंदशहर जेएनएन। एक ओर जहां संसद में बच्चे को दूध पिलाती महिला सांसद की वायल तस्वीर की द
बुलंदशहर, जेएनएन। एक ओर जहां संसद में बच्चे को दूध पिलाती महिला सांसद की वायल तस्वीर की दुनियाभर में तारीफ होती है। बच्चे को गोद मे लेकर ड्यूटी करती महिला कांस्टेबल, आइएएस अधिकारी की कार्यालय में अपने बच्चे के साथ ड्यूटी करने पर भी महिलाओं के सम्मान में भी कसीदे पढ़े जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ स्कूल में शिक्षिकाओं को अपने दुधमुंहे बच्चों को स्कूल साथ लाने पर कार्रवाई की चेतावनी देकर खंडशिक्षाधिकारी ने शिक्षा विभाग को शर्मसार कर डाला। हालांकि मामला गैर जिले का था, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़ा होने के कारण जिले के शिक्षकों में भी आक्रोश पनप गया। उप्र प्राथमिक शिक्षक संध ने शासन-प्रशासन, राज्य एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार और महिला आयोग से इस मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग उठा दी। जिस पर अफसरों में खलबली मच गई। वहां के बीएसए को अपने अधीनस्थ अधिकारी का आदेश निरस्त करना पड़ा।
आदेश में दुधमुंहे बच्चे को साथ लाने पर कार्रवाई की दी थी चेतावनी
बिजनौर के किरतपुर खंड शिक्षाधिकारी ने 16 सितंबर को आदेश जारी किया। जिसमें कहा कि विकास क्षेत्र के विद्यालयों की महिला शिक्षिकाएं, शिक्षामित्र और अनुदेशक अपने साथ नौनिहालों (पाल्यों) को लेकर आती है। उन्हें सभालने की वजह से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती है। वह विद्यालय समय में अपने साथ नौनिहालों को न लेकर आएं। निरीक्षण के समय यदि निर्देशों का उल्लंघन मिलता तो उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिसका संपूर्ण दायित्व संबंधित का होगा। लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
अफसर के आदेश को तालिबानी दिया करार
यह आदेश जैसे ही प्रदेशभर में इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ तो जिले के शिक्षक भी अक्रामक हो गए। उन्होंने किरतरपुर के खंड शिक्षाधिकारी के आदेश को तालिबानी करार दिया। सगंठन के उपाध्यक्ष कौशल किशोर ने कहा कि अफसर का आदेश मानवता को शर्मसार करने के लिए काफी है। ऐसी दोहरी मानसिकता वाले अफसर की संगठन निदा करता है। उच्चाधिकारियों से मामले पर कार्रवाई की मांग की गई। साथ आंदोलन की चेतावनी भी दी। बताया कि संगठन के अक्रामक तेवर देख शिक्षा विभाग हरकत में आया। अफसर ने अपने अधीनस्थ के आदेश को निरस्त कर प्रदेश भर के शिक्षकों का गुस्सा शांत किया।