सर्राफ हत्याकांड : मकसद हत्या या लूट तय नहीं कर पा रही है पुलिस
सर्राफ रोहताश वर्मा की हत्या के बाद पुलिस ने तरह-तरह की कहानियां बनाना शुरू किया था लेकिन गुजरते वक्त के साथ पुलिस के तमाम दावे हवा होते नजर आ रहे हैं। हत्या को छह दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक पुलिस यह भी तय नहीं कर पाई है कि रोहताश की हत्या लूट का विरोध करने पर हुई या फिर हत्यारे सिर्फ हत्या करने के इरादे से ही पहुंचे थे। जो वीडियो पुलिस के हाथ लगा है उसमें भी बदमाशों ने आने के साथ ही गोली चलाई है।
जेएनएन, बुलंदशहर। सर्राफ रोहताश वर्मा की हत्या के बाद पुलिस ने तरह-तरह की कहानियां बनाना शुरू किया था, लेकिन गुजरते वक्त के साथ पुलिस के तमाम दावे हवा होते नजर आ रहे हैं। हत्या को छह दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक पुलिस यह भी तय नहीं कर पाई है कि रोहताश की हत्या लूट का विरोध करने पर हुई या फिर हत्यारे सिर्फ हत्या करने के इरादे से ही पहुंचे थे। जो वीडियो पुलिस के हाथ लगा है, उसमें भी बदमाशों ने आने के साथ ही गोली चलाई है।
22 नवंबर की शाम नरौरा में सर्राफ रोहताश वर्मा की हत्या उन्हीं की दुकान में घुसकर की गई थी। वारदात का चश्मदीद कोई व्यक्ति तो नहीं लेकिन दुकान में लगा कैमरा है। कैमरे की फुटेज को पुलिस ने खंगाला तो उसमें तीन बदमाश नजर आ रहे हैं। दो के हाथ में तमंचा है जबकि तीसरा पीछे खड़ा है। दुकान में दाखिल होने के चंद सेकेंड बाद ही बदमाश ने रोहताश को दो गोली मार दी। हत्या के वक्त रोहताश का 13 साल का बेटा भी दुकान में ही था, लेकिन वह अंदर वाले दूसरे कमरे में था। घटनास्थल से कुछ दूर एक जली हुई बाइक मिली है, जिसे बदमाशों की माना जा रहा है। हालांकि अभी इसे पुष्ट नहीं कर रही है। जिस फोटो को शूटर का बताया जा रहा था, वह भी क्राइम ब्रांच में तैनात सिपाही का निकला। इसके बाद इस बिदु पर जांच बंद हो गई।
एसपी क्राइम शिवराम यादव का कहना है कि अभी कोई भी मजबूत लाइन हाथ नहीं लगी है। हालांकि इतना जरूर पता चल रहा है कि गोली मारने वाले शूटर बाहरी थे। इसलिए उन्हें पकड़ने में दिक्कत हो रही है।