खंडहर हो गए घर.. ताकते रह गए बेघर

जेएनएन बुलंदशहर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार आर्थिक मदद देकर बेघरों को आशियाना बनाने की सौगात दे रही हैं लेकिन जिले में एक दशक पहले तैयार हुए कांशीराम आवास आवंटित नहीं हो पाएं है। सिस्टम की लापरवाही के कारण कांशीराम आवास खंडहर हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 10:44 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 10:44 PM (IST)
खंडहर हो गए घर.. ताकते रह गए बेघर
खंडहर हो गए घर.. ताकते रह गए बेघर

जेएनएन, बुलंदशहर : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार आर्थिक मदद देकर बेघरों को आशियाना बनाने की सौगात दे रही हैं लेकिन जिले में एक दशक पहले तैयार हुए कांशीराम आवास आवंटित नहीं हो पाएं है। सिस्टम की लापरवाही के कारण कांशीराम आवास खंडहर हो चुके हैं। बेघर आवास आवंटित होने का इंतजार कर रहे हैं।

जिले में 500 से अधिक लोगों को आवास की सौगात देने के लिए साल 2010-11 में 525 कांशीराम फ्लेट का निर्माण शुरू कराया गया था। सिस्टम की लापरवाही से एक दशक बीतने के बाद भी इन फ्लेट का आवंटन नहीं हो पाया है। आवंटन नहीं हो पाने के कारण फ्लेट खंडहर हो गए और बेचारे लोग पिछले एक दशक से आवास आवंटित होने का इंतजार कर रहे हैं। प्राधिकरण ने नई तहसील के समीप कांशीराम आवास योजना के तहत 400 फ्लेट का आवंटन कराया गया था। वहीं औरंगाबाद में 125 आवास तैयार किए गए थे। आवास आवंटन नहीं हो पाने के कारण खंडहर हो चुके फ्लेट का प्राधिकरण ने पिछले साल मरम्मत और रंगाई -पुताई करा कर ठीक कर दिया था लेकिन औरंगाबाद में फ्लेट अभी बदहाल स्थिति में हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने पिछले साल आवास आवंटन करने की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन कोरोना संक्रमण महामारी के चलते फिर से प्रक्रिया पर ग्रहण लगा गया था। बेघर लोग अपना आशियाना मिलने का इंतजार कर थक चुके हैं।

400 फ्लैट की पूरी हुई प्रक्रिया

शहर की नई तहसील स्थित प्राधिकरण द्वारा तैयार किए गए 400 फ्लैट के लिए सिटी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने आवेदनों का सत्यापन प्रक्रिया भी पूरी करा ली गई थी लेकिन आवंटन नहीं हो पाया।

इन्होंने कहा..

आवास आवंटन के लिए सिटी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में कमेटी गठित हैं। आवेदनों का सत्यापन पूरा हो चुका है। लाटरी प्रक्रिया के माध्यम से आवास आवंटित किए जाएंगे।

- रवीन्द्र कुमार, एडीएम प्रशासन

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