रिश्वत मांगने के आरोप में फंसे रजिस्ट्रार कानून-गो

बैनामे के आधार पर किसान का नाम खतौनी में नहीं चढ़ाने के बदले रिश्वत मांगने के आरोप में सदर तहसील के रजिस्ट्रार कानून-गो फंस गए हैं। अगौता क्षेत्र के किसान ने उपभोक्ता फोरम न्यायालय ने परिवाद दायर कर एक करोड़ का मुआवजा मांगा है। जिसमें शासन-प्रशासन से जुड़े सात आला अफसरों को विपक्षी बनाया है। मुख्य आरोपी रजिस्ट्रार कानून-गो को बनाकर उनकी सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले देय भुगतान रोकने के लिए स्टे भी चाहा है और एफआइआर की मांग की है। न्यायालय ने परिवाद दर्ज कर स्टे प्रार्थना पत्र पर प्रमुख सचिव राजस्व परिषद सहित विपक्षी आला अफसरों को नोटिस जारी किए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:01 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:01 PM (IST)
रिश्वत मांगने के आरोप में फंसे रजिस्ट्रार कानून-गो
रिश्वत मांगने के आरोप में फंसे रजिस्ट्रार कानून-गो

जेएनएन, बुलंदशहर । बैनामे के आधार पर किसान का नाम खतौनी में नहीं चढ़ाने के बदले रिश्वत मांगने के आरोप में सदर तहसील के रजिस्ट्रार कानून-गो फंस गए हैं। अगौता क्षेत्र के किसान ने उपभोक्ता फोरम न्यायालय ने परिवाद दायर कर एक करोड़ का मुआवजा मांगा है। जिसमें शासन-प्रशासन से जुड़े सात आला अफसरों को विपक्षी बनाया है। मुख्य आरोपी रजिस्ट्रार कानून-गो को बनाकर उनकी सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले देय भुगतान रोकने के लिए स्टे भी चाहा है और एफआइआर की मांग की है। न्यायालय ने परिवाद दर्ज कर स्टे प्रार्थना पत्र पर प्रमुख सचिव राजस्व परिषद सहित विपक्षी आला अफसरों को नोटिस जारी किए हैं।

ग्राम बरारी निवासी किसान चतर सिंह ने दायर परिवाद में कहा है कि वह अनुसूचित जाति से हैं और नियमानुसार 0.3010 हेक्टेयर कृषि भूमि अपने गांव के होशियार सिंह से इसी वर्ष 15 मार्च को खरीदी। 14,45,000 रुपये में खेत का बैनामा कराया। जिसमें 73,000 रुपये का स्टांप लगाया। बैनामा कराने की सब रजिस्टार कार्यालय बुलंदशहर से रसीद भी प्राप्त की। सब रजिस्टार कार्यालय ने बैनामा दाखिल-खारिज के लिए तहसील को भेजा। आरोप है कि तहसील में रजिस्टार कानून-गो ने 27 मई को उनके पुत्र से 10,000 रुपये रिश्वत मांगी। जिसे नहीं देने पर उन्होंने बैक डेट में एक मई को दाखिल-खारिज वाद को मनमाने तरीके से खारिज कर दिया। आनलाइन भी इसे अपलोड कर दिया। पत्रावली में से रखा मूल बैनामा भी गायब कर दिया। जबकि इस बीच कई बार उनके पुत्र से मोबाइल पर रजिस्ट्रार कानून-गो से बात हुई। उनकी अवैध वूसली की रिकार्डिंग की गई। जिसे साक्ष्य के रूप में न्यायालय में जमा किया गया है। मामले की शिकायत आला अफसरों से भी की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

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