घर-घर पहुंचकर कोरोना के प्रति किया जागरूक
प्रशासनिक टीम ने अब गांवों में घरों की तरफ रुख करना शुरू कर दिया है। उनके द्वारा घर-घर पहुंचकर ग्रामीणों को कोरोना के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही उनसे बचाव के नियमों का पालन करने की अपील भी की जा रही है।
जेएनएन, बुलंदशहर। प्रशासनिक टीम ने अब गांवों में घरों की तरफ रुख करना शुरू कर दिया है। उनके द्वारा घर-घर पहुंचकर ग्रामीणों को कोरोना के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही उनसे बचाव के नियमों का पालन करने की अपील भी की जा रही है।
कोरोना संक्रमण अब गांवों में भी फैलने लगा है। जिसको लिए निगरानी समितिओं का गठन किया गया है। सोमवार को गांव कमालपुर में निगरानी समिति पहुंची। जिसमें एडीओ रामकुमार, सैक्टरी राहुल कुमार, अमीन हरिकिशन, प्रधान मनोज कुमार शामिल रहे। जिनके द्वारा गांव में घर-घर पहुंचकर ग्रामीणों को जागरूक किया गया। उन्हें बताया गया कि कोरोना से बचाव के लिए नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। सबसे पहले घरों में ही रहें और जरूरत पड़ने पर घरों से बाहर निकलना पड़े, तो मास्क जरूर पहनने और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना भी ना भूले। टीम ने पूरे गांव में भ्रमण किया और बीमार ग्रामीणों के विषय में भी जानकारी जुटाई। जिला जेल से एक सप्ताह में 188 बंदियों को मिली पैरोल
बुलंदशहर। कोरोना संक्रमण से बंदियों को बचाने के लिए जिला कारागार से बंदियों को पैरोल एवं अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा रहा है। बीते एक सप्ताह के दौरान 188 बंदियों को जेल से रिहा किया जा चुका है।
जिला कारागार में क्षमता से तीन गुना बंदी मौजूद हैं। इसके चलते बंदियों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए वर्ष 2020 में भी सात साल या उससे कम सजा वाले अपराध से संबंधित सैकड़ों बंदियों को रिहा कर दिया गया था। हालात सामान्य होने पर बंदियों की पैरोल अवधि समाप्त होने पर उन्हें दोबारा जेल में आना पड़ा था। बीते एक सप्ताह के दौरान जिला कारागार से 188 बंदियों को रिहा किया जा चुका है। इन बंदियों को दो माह की पैरोल अथवा अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा रहा है। जेल अधीक्षक ओपी कटियार ने बताया कि न्यायालय द्वारा बंदियों को संक्रमण से बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। बीते एक सप्ताह के दौरान 188 बंदियों को पैरोल एवं अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा चुका है।