पानी को तरस रहा रजवाहा
बीबी नगर क्षेत्र में करीब आधा दर्जन गांवों की कृषि भूमि की सिचाई के लिए बनाया गया रजवाहा पानी के लिए तरस रहा है। उक्त रजवाहे में टेल तक पानी नहीं पहुंच पाने से किसानों की धान की फसल को फिर एक बार पलीता लगता प्रतीत हो रहा है।
जेएनएन, बुलंदशहर। बीबी नगर क्षेत्र में करीब आधा दर्जन गांवों की कृषि भूमि की सिचाई के लिए बनाया गया रजवाहा पानी के लिए तरस रहा है। उक्त रजवाहे में टेल तक पानी नहीं पहुंच पाने से किसानों की धान की फसल को फिर एक बार पलीता लगता प्रतीत हो रहा है।
मध्य गंग नहर की लखावटी ब्रांच की तिबड़ा झाल से निकलने वाला रजवाहा ग्राम तिबड़ा, भैंसाखुर, लुखलारा, सैदपुर,मादपुर, नीमापाटी, फतेहपुर व बबुपुर आदि गांवों को सिचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सिचाई विभाग द्वारा वर्ष 1990 में बनवाया गया था। किसानों का कहना है कि अपने निर्माण से अभी तक उक्त रजवाहे में टेल तक पानी नहीं पहुंचा है। वर्तमान सत्र में जेसीबी मशीन द्वारा सफाई कराए जाने से किसानों को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें धान की रोपाई व सिचाई के लिए रजवाहे से पानी मिल सकेगा, लेकिन उनकी यह उम्मीद एक बार फिर टूट गई और रजवाहा सूखा ही रह गया। इस विषय में सैदपुर निवासी किसान जगदीश पाल का कहना है कि रजवाहे का मूल उद्देश्य सिचाई सुविधा उपलब्ध कराना था जो कि नहीं हो रहा है। इससे किसानों को तो मुसीबतों का सामना करना पड़ ही रहा है सरकार की हर खेत को पानी योजना भी अधर में है।
किसान बीरपाल सिंह का कहना है कि संबंधित अधिकारी के रजवाहे में पानी नहीं आने की समस्या से आंखें बंद किए रहना समस्या का हल नहीं है। सिचाई विभाग को चाहिए कि वह पानी टेल तक नहीं पहुंच पाने के कारणों को चिन्हित कर उनका निराकरण कराए ताकि किसानों को सिचाई सुविधा मिल सके। ग्राम विकास संघर्ष मोचर सैदपुर के संयोजक सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि उक्त रजवाहे के विषय में सिचाई विभाग व जनप्रतिनिधियों से अनेकों बार शिकायत कर समाधान की मांग की जा चुकी है, लेकिन नतीजा सिफर है। अगर जल्द ही कोई सकारात्मक पहल नहीं होती है तो किसान आंदोलन की राह पर चलने को मजबूर होगा।