कोरोना काल में मरीजों की जांच करते रहे प्रवीण

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लड़ने वाले योद्धा यदि कोई हैं तो वो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हैं। जब सब घरों में कैद थे तब भी स्वास्थ्य कर्मचारी अग्रिम पंक्ति में वायरस की रोकथाम में जुटे थे। स्वास्थ्यकर्मियों में भी वो योद्धा जिनका काम मरीज के सबसे नजदीक होता है। उनमें से एक हैं जिला अस्पताल की पैथोलाजी लैब में तैनात लैब टेक्नीशियन प्रवीण शर्मा भी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 07:47 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 07:47 PM (IST)
कोरोना काल में मरीजों की जांच करते रहे प्रवीण
कोरोना काल में मरीजों की जांच करते रहे प्रवीण

जेएनएन, बुलंदशहर। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लड़ने वाले योद्धा यदि कोई हैं तो वो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हैं। जब सब घरों में कैद थे तब भी स्वास्थ्य कर्मचारी अग्रिम पंक्ति में वायरस की रोकथाम में जुटे थे। स्वास्थ्यकर्मियों में भी वो योद्धा जिनका काम मरीज के सबसे नजदीक होता है। उनमें से एक हैं जिला अस्पताल की पैथोलाजी लैब में तैनात लैब टेक्नीशियन प्रवीण शर्मा भी हैं।

लैब टेक्नीशियन प्रवीण शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों और डाक्टरों ने सबसे ज्यादा खतरा मोल लेकर ड्यूटी की। इनमें भी कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जिनको मरीज के नजदीक नहीं जाना होता बल्कि छूना भी पड़ता है। उसमें से एक काम है पैथोलाजी लैब के लैब टेक्नीशियन का, क्योंकि जांच के लिए शरीर से खून निकालना पड़ता है। इसके लिए खून लेने वाले अंग पर स्प्रिट लगानी पड़ती है और फिर सिरिज से खून खींचना पड़ता है। लैब में खून की जांच के लिए आने वाला मरीज पता नहीं कौन सी बीमारी से ग्रस्त हो। कई बार ऐसे भी मरीज आए जो जांच कराने के बाद उसी दिन शाम को या अगले दिन पाजीटिव पाए गए लेकिन बिना किसी डर या भय के गाइडलाइन का पालन करते हुए मरीजों की सेवा करते रहे। लैब में कोरोना की जांच के लिए ट्रू नेट मशीन लगने के बाद तो खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया था। बावजूद इसके प्रवीण शर्मा ने बिना रूके नियमित जिला अस्पताल में ड्यूटी की और मरीजों के खून की जांच करते रहे। इनका कहना है कि इंसान की हिम्मत और हौंसले से बड़ी कोई बीमारी नहीं होती है। इसलिए हर परिस्थिति में हिम्मत और हौंसले से काम लेना चाहिए।

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