पीएम की पहल से जिले के किसानों को 204 करोड़ का फायदा

किसान आज जिलेभर में काला दिवस मनाएंगे। वहीं केंद्र सरकार का पुतला फूंकने का आह्वान भी किया गया है। तीन कृषि कानून के विरोध में कुछेक किसान केंद्र सरकार के खिलाफ लामबंद हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 May 2021 11:11 PM (IST) Updated:Tue, 25 May 2021 11:11 PM (IST)
पीएम की पहल से जिले के किसानों को 204 करोड़ का फायदा
पीएम की पहल से जिले के किसानों को 204 करोड़ का फायदा

बुलंदशहर, जेएनएन। किसान आज जिलेभर में काला दिवस मनाएंगे। वहीं, केंद्र सरकार का पुतला फूंकने का आह्वान भी किया गया है। तीन कृषि कानून के विरोध में कुछेक किसान केंद्र सरकार के खिलाफ लामबंद हैं। इसके विपरीत पांच दिन पूर्व प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में अंतराष्ट्रीय बाजार में डीएपी की दरों में दोगुने उछाल पर चर्चा की गई। इसमें फैसला लिया गया कि किसानों को डीएपी की दरों पर आई महंगाई की आंच में झुलसने नहीं दिया जाएगा। फैसला लिया गया कि केंद्र सरकार कंपनियों को 700 की बजाए 1200 रुपये अपने खर्च पर सब्सिडी देगी। ऐसे में जिले में प्रतिवर्ष खपत होने वाली 85 हजार मीट्रिक टन डीएपी की सब्सिडी के रूप में 204 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का अतिरिक्त खर्च केंद्र सरकार देगी। किसानों को पूर्व निर्धारित दर 1200 प्रति बोरे की देर से ही डीएपी मुहैया कराई जाएगी। कोविड-19 वायरस के चलते डीएपी के कच्चे माल के दाम में भारी उछाल आया है। किसानों को पूर्व में 1200 रुपये प्रति बोरे की दर से डीएपी मिलती थी, इसमें केंद्र सरकार 500 रुपये प्रति बोरे की सब्सिडी किसानों को देते हुए बिक्री करने वाली संस्था के खाते में देती थी। अंतराष्ट्रीय बाजार में डीएपी की दरों पर 700 रुपये प्रति बोरे का उछाल आया है। ऐसे में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्र सरकार ने सब्सिडी 500 के बढ़ाकर 1200 रुपये कर दी है। डीएपी पर उछाल आने का भार किसानों पर नहीं पड़ेगा। जिले में 4.15 लाख किसान पंजीकृत हैं और अपंजीकृत सहित करीब सात लाख किसान हैं। कृषि प्रधान जिले में 367 लाख हैक्टेयर जमीन में अलग-अलग फसलों का उत्पादन होता है। सभी फसलों में डीएपी की खपत होती है। एक वर्ष में जनपद में आठ हजार 500 मीट्रिक टन डीएपी की खपत होती है।

ये है उर्वरक की खपत का ब्यौरा

डीएपी : 85 हजार मीट्रिक टन

यूरिया : 1.45 लाख मीट्रिक टन

पोटाश : 25 हजार मीट्रिक टन

एनपीके : 10 हजार मीट्रिक टन क्या कहते हैं किसान

फसलों के उत्पादन के लिए बुआई और पौधा अंकुरित होने पर डीएपी की आवश्यकता होती है। प्रत्येक किसान इसका प्रयोग करता है। केंद्र सरकार ने किसान हित में बड़ा फैसला लिया है।

-सुरेंद्र सिंह, सैदपुर बीवीनगर।

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जिले में सात लाख किसानों को प्रति बोरा 1200 की सब्सिडी देने का फैसला किया गया है। यानि प्रत्येक किसान को प्रतिवर्ष 12 हजार रुपये का सीधे-सीधे लाभ हुआ है। किसानों की उन्नति के लिए यह अहम और बड़ा फैसला है।

-जयकरण सिंह, बीवी नगर।

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इन्होंने कहा..

अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी की दरों में 1700 रुपये से बढ़कर 2400 रुपये हो गई है। पूर्व में सरकार की ओर से 500 तो अब 1200 रुपये डीएपी पर सब्सिडी देने की घोषणा की गई है। ऐसे में किसानों पर पड़ने वाला बोझ केंद्र ने वहन किया है। किसानों को पूर्व की भांति 1200 रुपये प्रति बोरा ही डीएपी मिलेगी।

-अश्विनी कुमार, जिला कृषि अधिकारी।

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