दंपती औषधियों की बगिया सींचकर दे रहे पर्यावरण बचाने का संदेश

जेएनएन बुलंदशहर क्षेत्र के गांव चरौरा में सेवानिवृत फौजी अपनी पत्नी के साथ औषधि की बगिया सींचकर लोगों को पर्यावरण को बचाने का संदेश दे रहे हैं। उन्होने अपनी बगिया में 80 पौधारोपण कर लोगों को हरियाली के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 11:20 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:20 PM (IST)
दंपती औषधियों की बगिया सींचकर दे रहे पर्यावरण बचाने का संदेश
दंपती औषधियों की बगिया सींचकर दे रहे पर्यावरण बचाने का संदेश

जेएनएन, बुलंदशहर: क्षेत्र के गांव चरौरा में सेवानिवृत फौजी अपनी पत्नी के साथ औषधि की बगिया सींचकर लोगों को पर्यावरण को बचाने का संदेश दे रहे हैं। उन्होने अपनी बगिया में 80 पौधारोपण कर लोगों को हरियाली के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित किया है।

गांव चरौरा निवासी संवानिवृत स्पेशल पैरा कमांडो कवि समोद सिंह और उनकी पत्नी स्वदेश देवी ने अमाज और देश भक्ति की राह पर सदैव अग्रसर है। दंपति ने 15 अगस्त 2017 को लोगों को आजादी के लिए जागरूक करने के लिए बारह किलोमीटर की तिरंगा यात्रा निकालकर कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराकर अपने देश के साथ-साथ गांव चरौरा का भी नाम रोशन किया। गांव में आने के बाद समाज में पर्यावरण को शुद्व रखने और भविष्य में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए लोगों को औषधि की बगिया को स्थपित कर दिखाया। जिसमें अजुन, बेल, जैसे 80 पौधारोपण कर लोगों को पर्यावरण बचाने का संदेश दिया है। दंपति सुबह और शाम को अपनी संतान की तरह पौधों की देखभाल कर रहे है। जिनको देखकर अन्य गांव के लोगों ने भी पौधा से वृक्ष बनने और मानव जीवन पौधा के महत्व और उन्हे बचाने का संकल्प लेना शुरू कर दिया है।

मूक बधिर बालिका को प्रदान की सिलाई मशीन

बुलंदशहर : कृष्णा फाउंडेशन ने गुलावठी के ग्राम मनोबास की मूक बधिर बालिका के स्वावलंबन की राह आसान की है। सिलाई मशीन प्रदान कर चेहरे पर मुस्कान बिखेरी। जिस पर बच्ची ने सांकेतिक भाषा मे खुशी का इजहार किया। बताया कि वो अब रोज सिलाई करना सीखेगी।

इस मौके पर पुनर्वास विशेषज्ञ रोबिन नागर ने बताया कि अनुपमा सुन और बोल नहीं सकती है लेकिन वह कुछ भी नया सीखने एवं करने के लिए उत्साहित रहती है। उसके उत्साह को देखकर कृष्णा फाउंडेशन ने निशुल्क सिलाई मशीन प्रदान की। साथ ही बच्ची के लिए पढ़ाई का पूरा खर्च फाउंडेशन की ओर से उठाया जाएगा। पुष्पेन्द्र नागर ने बताया कि दिव्यांगजनो को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। शिक्षिका चितन चौधरी ने बताया कि दिव्यांगजनो का सर्वे करके उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही है। गांव के जूनियर हाईस्कूल से यह बालिका आठवीं कक्षा उत्तीर्ण चुकी है। अब उसके आगे की राह आसान करने का प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर क्षेत्र पंचायत सदस्य अमित यादव, प्रधानाध्यापक जगह सिंह, अनिता, रूबी यादव, महावीर आदि मौजूद रहे।

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