पेट्रोल-डीजल और गैस की महंगाई ने आमजन की तोड़ी कमर
कोरोना काल से आमजन उभरने लगा था कि महंगाई की मार ने गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की कमर तोड़ दी। दिसंबर माह से शुरू हुई डीजल-पेट्रोल के दामों बेहताशा वृद्धि से ट्रांसपोर्ट महंगा हुआ। ट्रांसपोर्ट के महंगा होने से खाद्य सामान से लेकर आवश्यक
जेएनएन, बुलंदशहर। कोरोना काल से आमजन उभरने लगा था कि महंगाई की मार ने गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की कमर तोड़ दी। दिसंबर माह से शुरू हुई डीजल-पेट्रोल के दामों बेहताशा वृद्धि से ट्रांसपोर्ट महंगा हुआ। ट्रांसपोर्ट के महंगा होने से खाद्य सामान से लेकर आवश्यक आवश्यकताओं की आपूर्ति तक दाम उछले हैं। हालात यह हैं कि पेट्रोल और डीजल पर जनवरी और फरवरी माह में 14 बार बढ़ी दर में परिवर्तन हुआ है। वहीं, गैस सिलेंडर पर जनवरी से अब तक चार बार में करीब 75 रुपये प्रति घरेलू सिलेंडर बढ़ गए हैं। ऐसे में रसोई और रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति के बदले भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। महंगाई की मार से घरेलू महिलाएं काफी परेशान हैं। एकाकी परिवार में चार से पांच हजार रुपये का बजट गत दिनों में काफी होता था लेकिन अब छह से सात हजार रुपये रसोई खर्च के लिए ही खर्च किए जा रहे हैं।
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गैस के दामों में हुई वृद्धि
तिथि दर बढ़ोत्तरी
20 अक्टूबर 601.50 रुपये 25 रुपये
02 दिसंबर 651.50 रुपये 50 रुपये
15 दिसंबर 701.50 रुपये 50 रुपये
04 फरवरी 726.50 रुपये 25 रुपये
15 फरवरी 776.50 रुपये 50 रुपये
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पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि
तिथि पेट्रोल डीजल
16 जनवरी 84.63 75.52
01 फरवरी 85.86 77.13
15 फरवरी 87.86 79.94
20 फरवरी 89.08 81.57
24 फरवरी 89.35 81.92
.... महिलाएं बोली..
अक्टूबर माह से गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी बंद कर दी गई है। प्रति माह घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ रहे हैं। पिछले छह माह में 520 का गैस सिलेंडर वर्तमान 776.50 रुपये को हो चुका है। सब्जी और खाद्यान्न वस्तुओं पर भी दिन-प्रतिदिन दरों में बढ़ोत्तरी हो रही है।
-हेमलता, गृहणी।
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आटा, चावल, दाल, घी, तेल और सब्जी आदि पर भी महंगाई की मार है। चार माह में घरेलू सभी वस्तुओं पर दाम बढ़े हैं। रसोई का बजट बढ़ने पर परिवार में भी कलह रहती है। सरकार को आमजन की रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति का ध्यान रखना चाहिए।
-रेनू शर्मा, गृहणी।