पेड़ पर चढ़ोगे तो ही चलेगी आनलाइन क्लास

जेएनएन बुलंदशहर देहात क्षेत्र में आनलाइन पढ़ाई के बीच कमजोर नेटवर्क की समस्या आडे़ आ रही है। - शिक्षक खेतों में पहुंचकर क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 08:50 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 08:50 PM (IST)
पेड़ पर चढ़ोगे तो ही चलेगी आनलाइन क्लास
पेड़ पर चढ़ोगे तो ही चलेगी आनलाइन क्लास

जेएनएन, बुलंदशहर : देहात क्षेत्र में आनलाइन पढ़ाई के बीच कमजोर नेटवर्क की समस्या आडे़ आ रही है। ऐसे में पेड़ और मचान पर चढ़कर नेटवर्क को खोजना शिक्षकों की मजबूरी बन गया है। जहां मोबाइल नेटवर्क पकड़ रहा है, वहां से ही आनलाइन कक्षाएं संचालित कर बच्चों की राह आसान करनी पड़ रही है।

दरअसल, कोरोना काल में शिक्षण संस्थान बंद हो गए। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई आनलाइन मोड पर आ गई। वाट्सएप ग्रप, जूम एप, गूगल मीट या अन्य लिक भेजकर पढ़ाया जाने लगा। देहात क्षेत्र में मोबाइल क्नेक्टिविटी नहीं होने के कारण विद्यार्थी आनलाइन कक्षाओं से कट रहे हैं। आनलाइन कक्षाओं में बांटा जा रहा ज्ञान उन तक नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में कमजोर नेटवर्क विद्यार्थियों की आनलाइन पढ़ाई की राह मुश्किल कर रहा है। इनमें ग्रामीण अंचलों में परिषदीय स्कूल और माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। साथ ही उच्च शिक्षण संस्थान के विद्यार्थी भी इस समस्या से अछूते नहीं है। इन बच्चों की समस्या को देख शिक्षक समाधान तलाशने के लिए खेतों की ओर दौड़ रहे हैं। विद्यार्थियों से संपर्क जोड़ने के लिए उन्हें घरों की या ट्यूबवेल की छत पर चढ़ रहे हैं। या फिर खेत में पेड़ और मचान पर चढ़कर मोबाइल को इंटरनेट से कनेक्ट कर रहे हैं। वाट्सएप ग्रप, जूम एप, गूगल मीट या अन्य लिक पर बच्चों की आनलाइन क्लास संचालित कर रहे हैं। इसी तरह की कवायद बच्चों को भी आनलाइन कक्षाओं से जुड़ने के लिए करनी पड़ रही है।

टावर नहीं होने से बढ़ती है परेशानी

शहर से देहात तक विभिन्न मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क को ग्राहक इस्तेमाल करते हैं। जिन देहात क्षेत्रों में संबंधित मोबाइल कंपनियों के टावर नजदीक रहते हैं, वहां उनका नेटवर्क मजबूत रहता है, लेकिन अन्य के नेटवर्क कमजोर हो जाते हैं। कमजोर नेटवर्क की वजह से इन कंपनियों का मोबाइल नंबर और इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं का परेशानी उठानी पड़ती है। संबंधित मोबाइल कंपनियां भी ग्राहकों की संख्या सीमित रहने पर इस समस्या का समाधान करने में लापरवाह बनी रहती हैं।

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इन्होंने कहा..

इंटरनेट का नेटवर्क गांव में कमजोर रहता है। इसकी वजह आनलाइन पढ़ाई में दिक्कत होती है। नेटवर्क पाने के लिए छत पर चढ़ता पड़ता है, फिर भी कनेक्टिविटी उतनी बेहतर नहीं होती।

मनीष, छात्र, निवासी ग्राम सफीनगर

गांव में आनलाइन पढ़ाई करना चुनौतियों भरा है। इंटरनेट नेटवर्क कितना बेहतर रहता है, यह सभी को पता है। ऐसे में आनलाइन क्लास से जुड़कर भी बाहर ही बने रहते हैं।

दिव्या शर्मा, छात्रा, निवासी ग्राम आंजनी

आनलाइन कक्षाओं के लिए मोबाइल में इंटरनेट होना जरूरी है, लेकिन देहात क्षेत्र में नेटवर्क कमजोर रहते हैं। इसलिए खेत में खुले स्थान पर पेड़ पर या मचान पर चढ़ने पर नेटवर्क मिलता है। तब आनलाइन कक्षाएं शुरू कर पाते हैं।

नितेंद्र कुमार, शिक्षक, निवासी ग्राम मगदमा

बीएसएनएल ने सभी ग्राम पंचायतों में ब्रांडबैंड की केबिल बिछा दी है। जिसे भारत ब्राडबैंड संचार निगम (बीबीएनएल) को हस्तांतरित भी कर दिया है। अब बीबीएनएल की ओर कनेक्शन वितरण की प्रक्रिया पूरी करानी है।

राजकुमार त्यागी, एजीएम, बीएसएनएल

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