गंगा उफान पर, प्रशासन अलर्ट
पहाड़ों पर हुई बरसात की वजह से गंगा उफान पर आ गई हैं। हालांकि नरौरा में गंगा का जलस्तर अभी खतरे के निशान से करीब एक मीटर नीचे है लेकिन प्रशासन अलर्ट हो गया है। एडीएम एफआर ने गंगा के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ से बचाव के लिए व्यवस्थाएं मुकम्मल कराने के लिए अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं।
जेएनएन, बुलंदशहर। पहाड़ों पर हुई बरसात की वजह से गंगा उफान पर आ गई हैं। हालांकि नरौरा में गंगा का जलस्तर अभी खतरे के निशान से करीब एक मीटर नीचे है, लेकिन प्रशासन अलर्ट हो गया है। एडीएम एफआर ने गंगा के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ से बचाव के लिए व्यवस्थाएं मुकम्मल कराने के लिए अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं।
नरौरा में अभी खतरे के निशान 178.765 मीटर से 176.02 मीटर तक जलस्तर पहुंचा चुका है। बिजनौर बैराज से पानी छोड़े जाने पर जिले में गंगा नदी का जल स्तर बढ़कर खतरे के निशान को पार कर की संभावना प्रबल हो गई है। इससे गंगा के तटीय इलाकों में भी बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। जिस पर एडीएम एफआर ने अधिशासी अभियंता सिंचाई, विद्युत, लोक निर्माण सहित, जल निगम सहित जिला पशु चिकित्साधिकारी को गंगा के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ से बचाव के लिए व्यवस्थाएं मुकम्मल कराने के निर्देश दिए हैं। जिनमें घाट से पंडा-पुजारियों के अलावा गंगा किनारे बसे गांवों में पशुओं और आबादी को सुरक्षित स्थान पर भेजने, जर्जर विद्युत लाइन एवं ट्रांसफार्मर को दुरुस्त कराने, पशुओं का टीकाकरण कराने, पेयजल के लिए पानी की टंकियों की साफ-सफाई कराने के लिए कहा गया है। इसके अलावा प्रत्येक गंगाघाट पर निगरानी समितियों सहित बाढ़ चौकियों को दुरुस्त किया गया है। घाट पर मुनादी कराकर लोगों को सचेत किया जा रहा है। निगरानी एवं व्यवस्था बनाने के लिए तहसील स्तरीय, ग्राम पंचायत के अफसरों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन्होंने कहा....
गंगा का जल स्तर अभी खतरे के निशान से करीब एक मीटर नीचे है, लेकिन गंगा के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ की रोकथाम और बचाव के इंतजाम दुरुस्त किए जा रहे हैं। अधीनस्थों को निगरानी की जिम्मेदारी भी सौंपी है।
सहदेव मिश्र, एडीएम एफआर