बाल विकास परियोजना का कार्यालय मिला बंद, छह का वेतन रोका

जिला कार्यक्रम अधिकारी हरिओम वाजपेयी ने गत दिनों सदर ब्लाक स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय का निरीक्षण किया। कार्यालय बंद मिला और सभी कर्मचारी नदारद मिले।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:39 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:39 PM (IST)
बाल विकास परियोजना का कार्यालय मिला बंद, छह का वेतन रोका
बाल विकास परियोजना का कार्यालय मिला बंद, छह का वेतन रोका

जेएनएन, बुलंदशहर। जिला कार्यक्रम अधिकारी हरिओम वाजपेयी ने गत दिनों सदर ब्लाक स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय का निरीक्षण किया। कार्यालय बंद मिला और सभी कर्मचारी नदारद मिले। डीपीओ ने मुख्य सेविका, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, ब्लाक कार्डिनेटर सहित छह कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। डीपीओ हरिओ वाजपेयी ने बताया कि बाल विकास परियोजना अधिकारी पूनम राव को जब फोन कर कार्यालय से नदारद होने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह तहसील में चुनाव से संबंधित बैठक में सम्मिलित हैं। जबकि बाल विकास परियोजना की मुख्य सेविका नीलम सिंह, सुनीता त्यागी और सुनीता रानी के साथ-साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुनील कुमार और ब्लाक कार्डिनेटर सरिता भी ब्लाक कार्यालय से नदारद थी। उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह के वेतन पर रोक लगाते हुए सभी से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। लूट की रिपोर्ट दर्ज कराने के पीड़ित लगा रहा चौकी के चक्कर

ऊंचागांव में ससुराल से लौट रहे दंपति से बाइक सवार बदमाशों ने तमंचा के बल पर मोबइल लूट लिया था। जिसकी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पीड़ित पिछले तीन दिन से अमरगढ़ चौकी के चक्कर काट रहा है। पुलिस पीड़ित पर गुमसुदगी दर्ज कराने के लिए दवाब बना रही है।

थाना खानपुर के गांव भदौरा निवासी प्रभात सिंह अपनी पत्नी अंजू के साथ गुरूवार देर शाम को ससुराल से घर के लिए लौट रहा था। जब वह थाना जहांगीराबाद के गांव जसर के निकट पहुंचा तो बाइक सवार तीन बदमाशों ने ओबरटेक कर बाइक को रोक लिया और प्रभात की कनपटी पर तमंचा लगाकर गोली मारने की धमकी देकर मोबाइल लूट लिया। जब पीड़ित ने लूट का विरोध किया तो बदमाशों ने तमंचा की बट मारकर घायल कर दिया था। सूचना पाकर मौके पर स्वजनों ने घायल को उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के अमरगढ़ चौकी में तहरीर दी थी। आरोप है कि पुलिस पीड़ित की रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय उस पर मोबाइल की गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए दवाब बना रही है।

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