अब 250 नहीं बल्कि 1410 रुपये में लगेगा राहत का टीका
कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू हुआ था। स्वास्थ्यकर्मियों से शुरू हुआ अभियान अब 1
जेएनएन, बुलंदशहर । कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू हुआ था। स्वास्थ्यकर्मियों से शुरू हुआ अभियान अब 18 प्लस तक पहुंच गया है। सरकारी व्यवस्था के तहत लगने वाले कैंप में टीका लगवाने से बचने वालों के लिए प्राइवेट अस्पताल में न्यूनतम शुल्क पर चल रहे वैक्सीनेशन का शुल्क अब बढ़ा दिया गया है। जो इंजेक्शन की पहली डोज पहले 250 रुपये में लगती थी, वह अब 1410 रुपये में हो गई है। इस महंगी हुई दर की वजह से अब प्राइवेट अस्पतालों ने वैक्सीनेशन का जो आर्डर दिया है, वह बेहद कम है।
जिले में अब तक चार लाख से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। हजारों लाभार्थियों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। सरकारी अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी में भी प्रतिदिन सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक वैक्सीनेशन चल रहा है, लेकिन कुछ लोग जो सरकारी अस्पताल जाना पसंद नहीं करते हैं। उनके लिए शासन ने प्राइवेट अस्पतालों में भी न्यूनतम शुल्क पर वैक्सीन की वायल देकर वैक्सीनेशन शुरू करवा दिया था। तब प्रतिव्यक्ति से 250 रुपये प्रति डोज के हिसाब से लिया जाता था और वैक्सीन बचने पर उसे वापिस भी ले लिया जाता था लेकिन अब शासन ने व्यवस्था को बदल दिया है। पहले तो मई में प्राइवेट अस्पतालों में चल रहे टीकाकरण को बंद करवाकर वायल को वापस मंगवा लिया था। अब एक बार फिर प्राइवेट अस्पतालों को आमंत्रण भेजा है। मगर अब वैक्सीन का रेट बढ़ गया है। एसीएमओ व टीकाकरण के नोडल अधिकारी डा. सुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि नई गाइड लाइन के अनुसार प्राइवेट अस्पतालों को कोवैक्सीन अब पांच प्रतिशत जीएसटी के साथ 1260 रुपये में दी जाएगी और इस पर प्राइवेट अस्पताल 150 रुपये सर्विस चार्ज जोड़ कर आम शहरी से 1410 रुपये वसूल सकते हैं। इसी तरह कोविशिल्ड 630 में दी जाएगी, जिसकी कीमत 780 रुपये तथा स्पूतनिक 996 में दी जाएगी, जो आम शहरी के लिए 1145 रुपये की होगी।
इन अस्पतालों ने की है मांग
नगर के अम्येश अस्पताल, राणा हास्पिटल, लक्ष्मी अस्पताल, नवीन अस्पताल, ममता अस्पताल तथा कैलाश अस्पताल हैं। महंगी दर होने के बाद अब इन अस्पतालों ने अपनी तरफ से कम ही वैक्सीन की डिमांड की है। महज 70 से लेकर 100 वायल की ही डिमांड की गई है।
इनका कहना है..
प्राइवेट अस्पतालों में लगने वाली वैक्सीन के रेट बढ़ गए हैं। तीनों इंजेक्शन के अलग-अलग रेट आए हैं। प्राइवेट अस्पताल वही लोग जाते हैं, जो भीड़भाड़ से बचना चाहते हैं।
डा. सुष्पेंद्र कुमार, एसीएमओ एवं नोडल अधिकारी टीकाकरण।