अब लोगों को आक्सीजन के लिए नहीं उठानी पड़ेगी परेशानी

कोरोना संक्रमण संभावित तीसरी लहर से निपटने को स्वास्थ्य विभाग संसाधन जुटाने में लगा है। कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा था। संभावित तीसरी लहर में आक्सीजन की कमी नहीं हो इसके लिए तेजी से आक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 11:10 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 11:10 PM (IST)
अब लोगों को आक्सीजन के लिए नहीं उठानी पड़ेगी परेशानी
अब लोगों को आक्सीजन के लिए नहीं उठानी पड़ेगी परेशानी

जेएनएन, बुलंदशहर। कोरोना संक्रमण संभावित तीसरी लहर से निपटने को स्वास्थ्य विभाग संसाधन जुटाने में लगा है। कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा था। संभावित तीसरी लहर में आक्सीजन की कमी नहीं हो इसके लिए तेजी से आक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है।

कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुटा है। दूसरी लहर में आक्सीजन की किल्लत से लोगों की सांसे उखड़ने लगी तो प्रशासन को आक्सीजन आपूर्ति के लिए जिले में आक्सीजन के इकलौते प्लांट पर नोडल अधिकारी तैनात कर पुलिस बल तैनात करना पड़ा था। दूसरी लहर में आक्सीजन की किल्लत सबक लेते हुए बड़े पैमाने पर आक्सीजन प्लांट निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। जिले में नौ स्थानों पर 4285 एलपीएम की क्षमता वाले 14 आक्सीजन प्लांट का निर्माण हो रहा है। जिनमें से पांच प्लांट का ट्रायल विभाग द्वारा कर लिया गया है। अन्य प्लांट का निर्माण कार्य भी तेज गति से कराया जा रहा है। आक्सीजन प्लांट तैयार होने के बाद जिले में आक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी। आक्सीजन प्लांट निर्माण की प्रतदिन समीक्षा बैठक कर तेजी से प्लांट तैयार कराने की योजना बनाई जा रही है।

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जिले में आक्सीजन प्लांट पर एक नजर

अस्पताल का नाम - क्षमता

वीआइआइटी - 45-45 एलपीएम के तीन प्लांट

वीआइआइटी - 500 एलपीएम

जटिया चिकित्सालय - 150 एलपीएम

जटिया चिकित्सालय - 500 एलपीएम

जिला अस्पताल -1000 एलपीएम

जिला महिला अस्पताल - 500 एलपीएम

संयुक्त चिकित्सालय सिकदराबाद -300 एलपीएम

डिबाई चिकित्सालय -300 एलपीएम

गुलावठी सीएचसी - 300 एलपीएम

अगौता सीएचसी - 300 एलपीएम

स्याना सीएचसी - 150 एलपीएम

शिकारपुर - 150 एलपीएम

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इन्होंने कहा..

जनपद में 4285 प्रति मिनट लीटर की क्षमता वाले 14 आक्सीजन प्लांट तैयार किए जा रहे हैं। जिनमें से पांच प्लांट तैयार होने के बाद उनका ट्रायल भी पूरा कर लिया गया है। जिले में आक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी।

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