नवजात की किलकारी ने तोड़ी मां की खामोशी

नवजात की किलकारी ने तोड़ी मां की खामोशी - तीन दिन से फ्लाईओवर के नीचे लावारिस पड़ी थी गर्भवती इतवारी - जिला अस्पताल में बेटे को जन्म देते ही बताया अपना नाम बुलंदशहर राजू मलिक। मां बनना दुनिया का सबसे बड़ा सौभाग्य है। बच्चे के रूप में वह पूरी दुनिया को अपनी बाहों में समेट लेती है। इसके सामने हर मन्नत बेमायने है और हर खुशी छोटी। हर मां इस दिन का बेसब्री से इंतजार करती है। तीन दिन से पुल के नीचे लावारिस पड़ी महिला को कुछ भी याद नहीं था लेकिन नवजात की किलकारियों ने उसकी खामोशी तोड़ दी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 07:30 AM (IST)
नवजात की किलकारी ने तोड़ी मां की खामोशी
नवजात की किलकारी ने तोड़ी मां की खामोशी

बुलंदशहर, राजू मलिक। मां बनना दुनिया का सबसे बड़ा सौभाग्य है। बच्चे के रूप में वह पूरी दुनिया को अपनी बाहों में समेट लेती है। इसके सामने हर मन्नत बेमायने है और हर खुशी छोटी। हर मां इस दिन का बेसब्री से इंतजार करती है। तीन दिन से पुल के नीचे लावारिस पड़ी महिला को कुछ भी याद नहीं था लेकिन नवजात की किलकारियों ने उसकी खामोशी तोड़ दी।

डीएवी फ्लाईओवर के नीचे तीन दिन से एक गर्भवती लावारिस हाल में पड़ी थी। आने-जाने वालों को वह खामोशी से देखती। न जाने कितने लोग वहां से गुजरे होंगे लेकिन शायद ही किसी का ध्यान उसकी तरफ गया हो। मंगलवार की रात अचानक वह सबकी नजरों में आ गई।

महिला उत्पीड़न के मामलों की पैरवी के लिए खोले गए वन स्टाप सेंटर की मैनेजर रुचिका ने बताया कि मंगलवार की देर रात उनके पास एक फोन आया कि डीएवी फ्लाईओवर के नीचे एक महिला प्रसव पीड़ा से छटपटा रही है। रुचिका और उनकी सहयोगी मौके पर पहुंचीं। बार-बार पूछने के बाद भी महिला अपना पता, पति या परिजनों का नाम नहीं बता सकी। उसे बोलने में भी तकलीफ हो रही थी।

इसके एंबुलेंस से उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया। देर रात महिला ने एक बेटे को जन्म दिया। इधर नवजात की किलकारी गूंजी, उधर मां की खामोशी भी टूट गई। महिला ने अपना नाम इतवारी बताया, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी उसे अपना पता-ठिकाना या परिवार वालों के बारे में कुछ याद नहीं आया।

गोद लेने की चाह में पहुंचे कई लोग

बुधवार को जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी हुई, कई लोग बच्चे को गोद लेने की चाह में अस्पताल पहुंच गए। ऐसे में महिला और नवजात की सुरक्षा महत्वपूर्ण हो गई। दो महिला पुलिसकर्मी को अस्पताल में तैनात किया गया है। मेरठ या कानपुर जाएंगे मां-बेटा

जिला प्रोबेशन अधिकारी नागेंद्र पाल ने बताया कि महिला अपना पता-ठिकाना और परिवार वालों के बारे में कुछ नहीं बता पा रही है। परिजनों की खोज की जाएगी। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद महिला को एडीएम की अनुमति से बाल कल्याण समिति मेरठ अथवा कानपुर भेजा जाएगा। जैसे ही उसके परिवार आदि के बारे में कोई जानकारी मिलती है, औपचारिकताएं पूरी कर उसे घर भिजवाने की व्यवस्था की जाएगी।

chat bot
आपका साथी