क्लीनिक पर रोगियों के उपचार के दौरान जबरन उठाकर ले गयी थी पुलिस

जेएनएनबुलंदशहर आपातकाल के दौरान आवाज उठाने वाले डा. ओम कुमार त्यागी लगभग बीस माह जेल में रहे। उस वक्त डा. ओम कुमार त्यागी आरएसएस के नगर संचालक थे। उनका नगर में क्लीनिक था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 10:54 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 10:54 PM (IST)
क्लीनिक पर रोगियों के उपचार के दौरान जबरन उठाकर ले गयी थी पुलिस
क्लीनिक पर रोगियों के उपचार के दौरान जबरन उठाकर ले गयी थी पुलिस

जेएनएन,बुलंदशहर: आपातकाल के दौरान आवाज उठाने वाले डा. ओम कुमार त्यागी लगभग बीस माह जेल में रहे। उस वक्त डा. ओम कुमार त्यागी आरएसएस के नगर संचालक थे। उनका नगर में क्लीनिक था। आपातकाल के दौरान जेल में बदतर इंतजाम, खराब भोजन के साथ-साथ शारीरिक व मानसिक यातनाएं झेली। सरल व खुश मिजाज स्वभाव के डा. त्यागी की आंखों में 86 वर्ष की आयु में आज भी एक-एक मंजर मौजूद है। डा. ओम कुमार त्यागी बताते है कि 25 जून 1975 की रात्रि अचानक इमरजेंसी लागू हुई थी। जिसकी जानकारी उनकों अपने क्लीनिक पर रोगियों द्वारा मिली थी। उन्हें नहीं पता था कि आपात काल क्या होता है। उनके खिलाफ नगर की कोतवाली पर मुकदमा दर्ज किया गया। आरोप था कि त्यागी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के तानाशाह रवैये व आपातकाल का विरोध किया था। पूछताछ को कहकर पुलिस ले गयी थी थाने

ओम कुमार त्यागी बताते है कि जिस दिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया उस समय वह नगर के मेन बाजार स्थित अपने क्लीनिक पर रोगियों का उपचार कर रहे थे। उसी समय अचानक पुलिस की जीप उनके क्लीनिक पर आकर रुकी। पुलिस उनके पास पहुंची और थाने चलने की बात कही। डा. त्यागी बताते है कि जब उन्होंने पूछा क्या बात है तो पुलिस ने कहा कि आप से कुछ पूछताछ करनी है। जिसके बाद पुलिस डा. त्यागी को अपने साथ थाने लेकर चली गयी।

पुलिस ने क्लीनिक को बंद करने की भी नहीं दी इजाजत

डा. ओम कुमार त्यागी बताते है कि उन्होंने पुलिस से रोगियों को देखकर क्लीनिक बंद कर चलने की बात कहीं थी। लेकिन पुलिस ने तानाशाह रवैया दिखाते हुए क्लीनिक बंद करने की इजाजत नहीं दी, और जबरन अपने साथ ले गये। त्यागी बताते है कि पुलिस ने उनको शाम तक थाने में बैठा कर रखा। उसके बाद बताया कि आपको आपातकाल का विरोध करने पर गिरफ्तार किया गया है। जिसके बाद कोर्ट में पेश कर त्यागी को बुलंदशहर की जेल भेज दिया।

बीस माह में त्यागी को किया अलग-अलग तीन जेलों में शिफ्ट

वह कहते है कि आपातकाल के विरोध में उनकों बीस माह में तीन अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया। पहले उन्हें लगभग चार महीने बुलंदशहर जेल में रखा गया। जिसके बाद उनको आगरा की सेंट्रल जेल भेज दिया गया। मात्र एक सप्ताह के बाद वापस बुलंदशहर की जेल में भेज दिया। जिसके कुछ माह बाद उनको बनारस की सेंट्रल जेल भेज दिया। जहां से आपातकाल के बाद उनको रिहा किया गया।

आठ सौ किलोमीटर दूर होने के कारण स्वजन नहीं कर पाते थे मुलाकात

डा. ओम कुमार त्यागी बताते है कि आपातकाल में उनको सबसे अधिक बनारस की सेंट्रल जेल में रखा गया। कहते है कि नगर से बनारस की दूरी लगभग आठ सौ किलोमीटर की है, और उस समय संसाधनों का भी काफी अभाव था। जिस वजह से उनके स्वजन उनसे जेल में मुलाकात भी नहीं कर पाते थे।

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