विवाहिता के साथ मारपीट, पति समेत पांच पर मुकदमा

गुलावठी में दहेज में स्विफ्ट कार की मांग पूरी न होने पर ससुराल पक्ष के लोगों ने विवाहिता के साथ मारपीट की और घर से निकाल दिया। पुलिस ने पीडि़ता की तहरीर पर पति समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा कायम किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Feb 2021 11:48 PM (IST) Updated:Sun, 07 Feb 2021 11:48 PM (IST)
विवाहिता के साथ मारपीट, पति समेत पांच पर मुकदमा
विवाहिता के साथ मारपीट, पति समेत पांच पर मुकदमा

बुलंदशहर, जेएनएन। गुलावठी में दहेज में स्विफ्ट कार की मांग पूरी न होने पर ससुराल पक्ष के लोगों ने विवाहिता के साथ मारपीट की और घर से निकाल दिया। पुलिस ने पीडि़ता की तहरीर पर पति समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा कायम किया है।

पीड़िता कविता निवासी गांव नया बांस ने बताया कि उसकी शादी सात वर्ष पूर्व अनुज पुत्र ज्ञानेंद्र निवासी छपरौला थाना बादलपुर जनपद गौतमबुद्धनगर के साथ हुई थी। बताया कि शादी के दो वर्ष बाद उसने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म से ही सास, पति, ननद व ससुर ने नाराजगी जताते हुए स्विफ्ट डिजायर कार की मांग करने लगे। कार की मांग पूरी नहीं होने पर शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना शुरू कर दी। दो वर्ष बाद पुन: गर्भवती होने पर ससुरालियों ने उसके साथ मारपीट की और उसे घर से निकाल दिया। तभी से अपने मायके में रह रही है। 28 जनवरी 21 को पति, ससुर, चचिया ससुर मायके आए और बड़ी बेटी को 15 दिन बाद वापस भेजने की बात कहते हुए अपने साथ ले गए। बताया कि जब वह बुलंदशहर से अपनी छोटी बेटी को डाक्टर के यहां दिखाकर घर लौट रही थी तो रास्ते में पति व अन्य लोगों ने अभद्रता व मारपीट की और छोटी बेटी को छीनने का प्रयास किया। पीडि़ता की तहरीर पर पुलिस ने अनुज, देवेंद्री, प्रीति, ज्ञानेंद्र सिहं, जगपाल सिंह निवासी छपरौला बादलपुर के खिलाफ मुकदमा कायम किया है। बेसहारा पशु फसलों को कर रहे बर्बाद

बुलंदशहर में भले ही सरकार ने बेसहारा पशुओं को आसरा देने के लिए गो आश्रय स्थल बनवाए हो, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से गो आश्रय स्थल की बजाय ये पशु खेतों में धूमते नजर आते हैं। खेतों में खड़ी फसलों को रोजाना नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं, हाईवे पर इन पशुओं की वजह से हादसे भी हो रहे हैं। आरोप है कि लोगों की शिकायत के बाद भी जिम्मेदार सुनने को तैयार नहीं है।

तहसील सदर क्षेत्र के गांव नैथला, हरदौली धीमरी, नगरिया, सोलापुर, नवादा आदि गांव के जंगलों में बेसहारा पशुओं का आंतक है। ग्रामीण महेश शर्मा, अनुज शर्मा, सुरेश, चंद्रपाल, महेंद्र आदि ने बताया कि शासन ने गांवों में गो आश्रय स्थल बनवाए हैं, लेकिन इन बेसहारा पशुओं को वहां रखने के प्रति जिम्मेदार गंभीरता नहीं दिखाते। खुला छोड़ने की वजह से ये बेसहारा पशु खेतों में खड़ी फसल को बर्बाद कर रहे हैं। किसान जब इन्हें रोकने जाते है तो वह उन पर हमला कर देते हैं। वहीं दूसरी ओर सड़क पर इनकी वजह से हादसे भी बढ़ गए हैं। कई ग्रामीणों को चोटिल कर चुके हैं। इनके डर से बच्चों का अकेले निकलना सुरक्षित नहीं है। प्रशासन इन्हें पकड़ने के लिए गंभीर नहीं है।

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