अपनों ने किया बेगाना, पेड़-पौधों को अपनाया
अपनों के बेगाना किया तो वृद्धजनों ने पेड़-पौधों को अपना लिया। देखते ही देखते तीन वाटिका बना डाली। उनके प्रयास से आज तालाब में कमल खिल रहे हैं। हरियाली लहला रही है। औषधीय पौधे सेहत संवार रहे हैं। किचन गार्डन की तरो-ताजा सब्जियां तंदरुस्त बना रही हैं। मामन रोड स्थित सिद्धाश्रम श्री मोहन कुटी न्यास के प्रांगण में फल-फूल रहे पेड़-पौधे अपने जीवनदाता की गाथा गुनगना रहे हैं।
जेएनएन, बुलंदशहर। अपनों के बेगाना किया तो वृद्धजनों ने पेड़-पौधों को अपना लिया। देखते ही देखते तीन वाटिका बना डाली। उनके प्रयास से आज तालाब में कमल खिल रहे हैं। हरियाली लहला रही है। औषधीय पौधे सेहत संवार रहे हैं। किचन गार्डन की तरो-ताजा सब्जियां तंदरुस्त बना रही हैं। मामन रोड स्थित सिद्धाश्रम श्री मोहन कुटी न्यास के प्रांगण में फल-फूल रहे पेड़-पौधे अपने जीवनदाता की गाथा गुनगना रहे हैं। जिनके बीच आज यह वृद्ध हंसते-खेलते जीवन गुजार रहे है। यहां के व्यवस्थापक अशोक कुमार गर्ग युग प्रहरी बताते हैं कि वह गायत्री संस्कार पीठ शांतिकुज के मुख्यालय हरिद्वार में रहते थे। गंगानगर में भाजपा का कार्यालय खुलने पर गायत्री महायज्ञ करने आए थे। पता चला कि यहां संत मोहन बाबा की तपस्थली है। जहां सिद्धाश्रम श्री मोहन कुटी न्यास बना है। इसके प्रांगण में श्री विष्णु चैतन्य वृध्दाश्रम भी है। जिसमें परिवार से विरक्त वृद्ध रह रहे हैं। आश्रम के जिम्मेदारों ने व्यवस्थापक की जिम्मेदारी सौंप दी। देखा कि प्रांगण में काफी भूमि है, लेकिन हरियाली बेजान है। जिसे संवारने के लिए आश्रम में रह रहे वृद्धजनों का सहयोग लिया। मिल-जुलकर निराई-गुड़ाई करना शुरू कर दिया। नियमित देखभाल और सिचाई की। श्रीविश्वास गोस्वामी, प्रेमपाल सिंह, महेश्वर नाथ, रमेश पांचाल, मिथलेश गर्ग, हरि अग्रवाल, वीर सिंह, रामस्वरूप, सरोज देवी, किशनलाल आदि बुजुर्गों को उनकी मेहनत का फल मिला। श्रीराम, राम वाटिका के साथ नवग्रह और औषधीय पौधों की सुगंध से प्रांगण महक उठा। वाटिकाओं में यह लहलहा रहे पेड़-पौधे
प्रकृति प्रेम और उमड़ा तो आक, पीपल ,शमी, गुलर, कुश, अपामार्ग, पलास, ढाक, दुर्वा के पौधे लगाकर नवग्रह वाटिका भी बना डाली। साथ ही तुलसी, एलोवेरा, आंवला, तेजपाल, कालीमिर्च, दालचीनी, विल्व, पपीता आदि औषधीय पौधों की वाटिका भी संवार दी। आम, अनार, लीची, आड़ू जैसे फलदायक पेड़ों का बागीचा बना दिया। कृष्ण वाटिका में अंजीर, अनार, अमरूद, नींबू, करौंदा, अंगूर, गिलोय, बकान, पीपल, नीम आदि विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधे लहला रहे हैं। साथ ही तालाब में खिले कमल भी बुजुर्गों के प्रयास को महका रहे हैं। किचन गार्डन में लोकी, तोरई, भिड़ी आदि की सब्जियां खाने का जायका बढ़ा रही है। इन्होंने कहा..
वृद्धाश्रम में रह रहे वरिष्ठजनों के सहयोग से आश्रम में तीन वाटिकाएं बनाई हैं। जिनमें औषधीय, पुष्पीदापप, फलदायक जैसे पेड़-पौधे आज लहलहा रहे हैं। नवग्रह वाटिका, किचन गार्डन भी सेहत संवार रही हे।
अशोक कुमार गर्ग, व्यवस्थापक