धूपबत्ती की खुशबू से महक रहा जीवन
महिलाओं को ऐसा एकजुट किया कि वो रोजगार की सीढि़यां चढ़ने लगी हैं। खुद भी इस काम से स्वावलंबी बनीं और अन्य महिलाओं को भी आर्थिक रूप से मजबूत कर दिया।
बुलंदशहर, अमर सिंह राघव। महिलाओं को ऐसा एकजुट किया कि वो रोजगार की सीढि़यां चढ़ने लगी हैं। खुद भी इस काम से स्वावलंबी बनीं और अन्य महिलाओं को भी आर्थिक रूप से मजबूत कर दिया।
जनपद के विकास खंड दानपुर की रहने वाली मुनेश देवी को महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने का ऐसा जुनून जागा कि उन्होंने गांव की महिलाओं को एकजुट करना शुरू कर दिया। मुनेश देवी ने 2017 में स्वयं सहायता समूह बनाकर धूपबत्ती कारोबार करने की योजना बनाई। शुरू में इस काम से कम संख्या में महिलाएं जुड़ीं। जब समूह की सदस्यों को आमदनी होनी शुरू हुई तो अन्य महिलाएं भी इससे जुड़ गर्इं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से मदद मिलने के बाद धूपबत्ती की पैकिंग भी शुरू कर दी। महिलाएं अब अपने घरों पर ही धूपबत्ती बनाती हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के राज्य परियोजना प्रबंधक ने भी समूह के धूपबत्ती कारोबार का निरीक्षण कर समूह की सदस्यों का उत्साहवर्धन किया है। इनसे तैयार हो रही धूपबत्ती
गुगुल, कपूर, घी, नागर मोथा, लोहबान व आम की पत्ती मिलाकर धूपबत्ती तैयार की जा रही है। 150 से 200 रुपये रोजाना आमदनी
घर-घर में महिलाएं धूपबत्ती बनाने का काम कर रही हैं। घर-घर में धूप बत्ती बनने से हर घर का आंगन धूपबत्ती से महक रहा है। महिलाओं को प्रति किलो 150 से 200 रुपये तक की आमदनी रोजाना हो रही है। इन्होंने कहा..
एक साल पहले धूपबत्ती बनाने का काम शुरू किया था। साफ मौसम में समूह की सभी सदस्य पांच किलो से लेकर 20 किलो धूपबत्ती बना रही हैं। महिलाओं को प्रतिदिन 150 से 200 रुपये की आमदनी हो रही हैं।
- मुनेश देवी, अध्यक्ष समूह ---
दानगढ़ में स्वयं सहायता समूह पिछले एक साल से धूपबत्ती बनाने का कारोबार कर रहा है। समूह को मिशन की तरफ से सरकारी सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही बैंक से ऋण भी दिलाया गया है।
-साहित्य प्रकाश मिश्रा, डीडीओ