देश को पदक दिलाने की चाह में छोड़ दी नौकरी
अष्टम महागौरी मां का धवल स्वरूप सही दिशा में चलायमान रहने की प्रेरणा देता है। जब मन में अशांति हो तो ऐसे समय में शांत चित्त रहकर अपने कर्तव्यों का पालन करने वाली स्त्री मां के इसी स्वरूप का दर्शन कराती है।
बुलंदशहर, जेएनएन। अष्टम महागौरी मां का धवल स्वरूप सही दिशा में चलायमान रहने की प्रेरणा देता है। जब मन में अशांति हो तो ऐसे समय में शांत चित्त रहकर अपने कर्तव्यों का पालन करने वाली स्त्री मां के इसी स्वरूप का दर्शन कराती है। गांव करेना की बहु लानजैन गांबी चानू कैनोइंग खेल के जरिए देश-विदेश में धूम मचा चुकी हैं। विश्व चैंपियनशिप में भारत को एक कांस्य पदक दिला चुकी हैं।
शिकारपुर क्षेत्र के गांव करेना निवासी आर्मी में सूबेदार के पद कैनोइंग खिलाड़ी शांति स्वरूप शर्मा की पत्नी लानजैनगांबी चानू अपने हुनर से गांव की खेल प्रतिभाओं को निखार रही हैं। लानजैन गांव के विद्यालय व मोहल्लों में जाकर बालिकाओं को खेल जगत की ओर प्रेरित कर रही हैं। वह ग्रामीण अंचल में खेल प्रतिभाओं को तराशने का काम कर रही हैं। जिससे ये खेल प्रतिभाओं को मंच दिला कर देश के लिए पदक जुटाए जा सकें। इससे उत्साहित होकर अब गांव और आस-पास के प्रतिभावान बच्चे अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए आगे आ रहे हैं। गांव के कई बच्चों की खेल प्रतिभा को देख कर उनका ओडिशा तथा अन्य जगह प्रशिक्षण भी जारी है।
विश्व चैंपियनशिप में जीता कांस्य
लानजैनगांबी चानू मूलरूप से मणीपुर के इंफाल की रहने वाली हैं। वह सीआरपीएफ में हैड कांस्टेबल के पद तैनात थी। सीआरपीएफ की ओर से चानू ने कैनोइंग विश्व चैंपियनशिप में महिला टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत को कांस्य पदक दिलाया है।
खेल प्रेम में छोड़ दी नौकरी
लानजैनगांबी चानू की देश के लिए स्वर्ण पदक लाने भूख अब और बढ़ती जा रही है। चानू पिछले दिनों अपने खेल पर ही पूरा ध्यान केंद्रित करने के लिए सीआरपीएफ की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है।
प्रशिक्षण में हुई मुलाकात
2010 में भोपाल के प्रशिक्षण शिविर में कैनोइंग खिलाड़ी शांतिस्वरूप शर्मा से उनकी मुलाकात हुई थी। 2011 में यूरोपीय देश हंगरी में कैनोइंग विश्व चैपियनशिप में भारत की ओर महिला टीम का लानजैनगांबी चानू व पुरूष टीम का शांतिस्वरूप शर्मा ने प्रतिनिधित्व किया था। इन्होंने कहा..
ग्रामीण अंचल में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। बस जरूरत उनकी तलाश कर तराशने की हैं। बच्चों की पढ़ाई के साथ ही रूचि के हिसाब से खेलों पर ध्यान देना होगा।
- लानजैनगांबी चानू, कैनोइंग खिलाड़ी