गोष्ठी में किसानों को किया जागरूक

बासमती धान के गुणवत्ता पूर्ण उत्पादन व निर्यात के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कृषि रसायनों के सुरक्षित प्रयोग की जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 06:02 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 06:02 PM (IST)
गोष्ठी में किसानों को किया जागरूक
गोष्ठी में किसानों को किया जागरूक

बुलंदशहर, जेएनएन। बासमती धान के गुणवत्ता पूर्ण उत्पादन व निर्यात के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कृषि रसायनों के सुरक्षित प्रयोग की जानकारी दी।

बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान व लामा राइस के सौजन्य से बीबी नगर स्थित एक फार्म हाउस में आयोजित कृषि गोष्ठी में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व प्रसार निदेशक डा. एसके सचान ने बासमती में लगने वाले कीटों व उनसे बचाव व उपचार की जानकारी किसानों को दी। कृषि विश्वविद्यालय मोदीपुरम के डा. गोपाल ने बासमती में लगने वाली बीमारियों के लक्षण व उनके समाधान के लिए जैविक विधि के प्रयोग से अवगत कराया। इसके अतिरिक्त कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को मृदा परीक्षण के विषय में भी जानकारी दी। लामा राइस के डा. अजय शर्मा ने किसानों को बासमती निर्यात के लिए जागरूक करते हुए आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई। किसान यूनियन ने खाली जमीन पर की उद्योग लगवाने की मांग

दानपुर: भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के पदाधिकारियों ने दौलतपुर गांव के पास खाली पड़ी जमीन में उद्योग लगवाने की मुहिम शुरू की है। पदाधिकारी किसानों के साथ बैठक कर जागरूक कर रहे हैं।

किसान यूनियन के पदाधिकारी भुवनेश मथुरिया ने कहा कि 16 वर्ष पहले त्रिवेणी शुगर मिल ग्रुप के अधिकारियों ने दौलतपुर गांव के पास 50 किसानों से लगभग 450 बीघा जमीन उद्योग लगाने को खरीदी थी। अधिकारियों ने इस जमीन का बैनामा अपने आठ कर्मचारियों के नाम कराया था। इस जमीन पर कुछ दिन गन्ने की खेती हुई। अब यह जमीन कई वर्षो से खाली पड़ी है। अधिकारी इस जमीन पर उद्योग लगाने के मूड़ में नहीं है। जबकि किसानों ने यह जमीन उद्योग लगाने के लिए दी थी। किसानों का मानना था कि उद्योग लगने से क्षेत्र का विकास होगा। क्षेत्र के तमाम लोग रोजगार से जुड़ सकेंगे। अधिकारी इस जमीन पर उद्योग लगाने को तैयार नहीं है। नियमानुसार जमीन खरीदने के पांच वर्ष में उद्योग लग जाना चाहिए था। बैठक में भूप सिंह, जवाहर लाल, राजेन्द्र राघव, रामजीलाल, विशंबर सिंह, विष्णु दत्त गौड़ मौजूद रहे।

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