नगर आवारा कुत्तों का आतंक

आवारा कुत्तों के आतंक से क्षेत्रवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन शिकायतों के बाद भी शहर में पालिका-प्रशासन और देहात क्षेत्रों में वन विभाग की टीम द्वारा आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान नहीं चलाया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 07:02 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 07:02 PM (IST)
नगर आवारा कुत्तों का आतंक
नगर आवारा कुत्तों का आतंक

बुलंदशहर, जेएनएन। आवारा कुत्तों के आतंक से क्षेत्रवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन शिकायतों के बाद भी शहर में पालिका-प्रशासन और देहात क्षेत्रों में वन विभाग की टीम द्वारा आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान नहीं चलाया जाता है। दोनों ही विभागों के अधिकारी इस तरफ आंखे मूंदे बैठे हुए हैं। जिसके चलते लोगों में पालिका और वन विभाग के खिलाफ रोष व्याप्त है। उधर वर्तमान में खुर्जा के जटिया अस्पताल में प्रतिदिन रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए मरीजों की लाइन लगी रहती है। गर्मी के बाद सर्दी में भी आवारा कुत्तों का आतंक चरम पर दिखाई दे रहा है। जिस कारण ही खुर्जा की अधिकांश कालोनियों, सड़कों और देहात क्षेत्रों में आवारा कुत्तों घूमते नजर आ ही जाते हैं। साथ ही प्रतिदिन नगर व देहात क्षेत्र में आवारा कुत्ते लोगों को काट भी रहे हैं।

एक माह में सैंकड़ों लोगों को काट चुके कुत्ते

पिछले एक माह में अस्पताल में 1200 से अधिक मरीज कुत्तों के काटने के कारण रेबीज के इंजेक्शन लगवा चुके है। कुत्ते काटे के मरीजों की संख्या बढ़ने पर अस्पताल प्रशासन ने भी काफी संख्या में रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध करा लिए हैं। फिलहाल अस्पताल में वैक्सीन का स्टाक पर्याप्त है।

कभी नहीं चलता अभियान

नगर में पिछले कई सालों से आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई अभियान नहीं चलाया गया है। इससे नगर में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। अभियान नहीं चलने के कारण कुत्तों के आतंक से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इन्होंने कहा..

अस्पताल में प्रतिदिन बंदर और कुत्तों के काटने वाले मरीजों की संख्या वर्तमान में कम हुई है। प्रतिदिन 50 से 60 लोग रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। इससे पहले रेबीज के इंजेक्शन लगवाने वालों की संख्या 100 तक भी थी।

- डा. पीतम सिंह, सीएमएस जटिया अस्पताल खुर्जा।

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