जिले की सियासत में हलचल पैदा कर गए जयंत
एक महीने के भीतर जिले में रालोद नेता जयंत चौधरी की यह दूसरी सभा थी। भाजपाइयों को ललकारते हुए उन्होंने कहा यह बदलाव की आंधी है। पोस्टर पर चौधरी चरण सिंह का चित्र लगाने से काम नहीं चलेगा अब किसान की बात करो और झंडा उतारकर आ जाओ। जयंत ने इस दौरान पंचायत चुनावों में जात-पात से बचने की सलाह देते हुए साफ कहा कि विधानसभा चुनावों में भी भाजपा को राजनीतिक चोट यानि हराने का काम करो।
जेएनएन, लोकेश पंडित, बुलंदशहर।
एक महीने के भीतर जिले में रालोद नेता जयंत चौधरी की यह दूसरी सभा थी। भाजपाइयों को ललकारते हुए उन्होंने कहा, यह बदलाव की आंधी है। पोस्टर पर चौधरी चरण सिंह का चित्र लगाने से काम नहीं चलेगा, अब किसान की बात करो और झंडा उतारकर आ जाओ। जयंत ने इस दौरान पंचायत चुनावों में जात-पात से बचने की सलाह देते हुए साफ कहा कि विधानसभा चुनावों में भी भाजपा को राजनीतिक चोट यानि हराने का काम करो।
रालोद की जिले में पूर्व में गहरी जड़ें रही हैं। विधानसभा चुनावों में भाजपा ने कभी अकेले तो कभी साथी दलों के साथ मिलकर लंबी लाइल खींची। पूर्व लोकसभा-विधानसभा चुनावों में रालोद यहां से कोई करिश्मा नहीं दिखा पाई। बावजूद इसके रालोद यहां फिर खोई जमीन पाने को बेकरार रही। किसान आंदोलन के बाद जिस तरह जिले में किसान राजनीति में उबाल आया। उसे रालोद भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़़ रहा है। एक माह में जिले में जयंत चौधरी की दूसरी सभा से साफ है कि वह जिले में इस बार मजबूती से चुनावी टक्कर देने का मंसूबा रखती है। गुरुवार को जहांगीराबाद में निर्वतमान जिला पंचायत सदस्य सुनील चरौरा ने जिस तरह भीड़ जुटाकर अपनी ताकत का अहसास कराया, उससे जयंत चौधरी खासे खुश दिखे। यह पंचायत भाजपा के गढ़ अनूपशहर विधानसभा में थी। वर्तमान विधायक संजय शर्मा यहां एक लाख से ज्यादा वोट से जीते थे। जयंत चौधरी ने यहां से जिले में विपक्षी नेताओं को पार्टी में शामिल होने का न्यौता दे दिया। सीधे कहा, किसान की बात करनी है तो भाजपा को झंडा उतारो। किसान राजनीति करनी है तो रालोद के साथ आओ। कई दावेदारों के चेहरों पर दिखी चिता की लकीरें
रालोद की जहांगीराबाद में हुई सभा में सपा, भाकियू के कई बड़े नेता दिखे। कई बसपा नेता भी यहां आश्चर्यजनक रूप से मंच पर खड़े दिखे। इनमें कई नेता ऐसे हैं जो अनूपशहर विधानसभा में टिकट के दावेदारी अपनी पार्टी से कर रहे हैं। रालोद के कई ऐसे नेता जो यहां से टिकट की आस लगाए बैठे थे, वह परेशान दिखे। सभा के बाद अब किसे टिकट मिलेगा, इसको लेकर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। फिलहाल जयंत की जिले में लगातार चहलकदमी से रालोद की राजनीति में गर्माहट आई है।